यह अस्वीकार्य है...जब एक टोल प्लाजा से गुजरी ब्यास नदी तो X यूजर ने नितिन गडकरी से की अजीबोगरीब मांग, वायरल हुआ फनी पोस्ट
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में ब्यास नदी के उफान और भारी बारिश से चंडीगढ़-मनाली हाईवे बंद हो गया है, जिससे सैकड़ों वाहन फंसे हैं. भूस्खलन, पुल टूटने और बाढ़ से जान-माल का भारी नुकसान हुआ है. अब तक 158 मौतें और कई लोग लापता हैं. स्थानीय लोग खाद्य संकट और आर्थिक क्षति से जूझ रहे हैं.

Himachal flood: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में एक प्रमुख टोल प्लाजा ब्यास नदी के उफान पर होने के कारण चंडीगढ़-मनाली राजमार्ग पर ट्रकों और यात्री कारों सहित सैकड़ों वाहन लगातार तीसरे दिन भी फंसे रहे. लगातार मानसूनी बारिश के कारण कई जगह भूस्खलन हुआ है, जिससे सड़क का एक बड़ा हिस्सा बह गया है और व्यस्त राजमार्ग एक उफनती नदी में बदल गया है.
हिमाचल प्रदेश के पास रायसन में व्यास नदी ने एक टोल प्लाजा को भी अपनी जद में ले लिया. इसके बाद एक सोशल मीडिया यूजर ने मजाकिया अंदाज में नितिन गडकरी से टोल टैक्स वसूल करने को कहा.
एक्स पर वायरल हुआ पोस्ट
सोशल मीडिया एक्स पर विवेक मुखर्जी नाम के एक यूजर ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को टैग करते हुए लिखा, "कृपया ध्यान दें कि व्यास नदी हिमाचल प्रदेश में मनाली के पास रायसन टोल प्लाजा से बिना कोई टोल दिए गुजर रही है. यह अस्वीकार्य है. कृपया ब्यास नदी के विरुद्ध BNS की धारा 152 के तहत कार्रवाई करके उसे बेहोश करने की कार्रवाई करें.
Dear @nitin_gadkari. Please see Beas River is going through the Raison Toll Plaza near Manali in Himachal Pradesh without paying any use fee. This is unacceptable. Please intiate action against Beas River under Section 152 of BNS for sedation. pic.twitter.com/4ptUY62W03
— Vivek Mukherji (@Bagheera_70) August 27, 2025
निवासियों और पर्यटकों के लिए जीवनरेखा, चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग कई जगहों पर बंद हो गया, जिससे यात्री घंटों तक जाम में फंसे रहे. NHAI के अधिकारी अशोक चौहान ने बताया कि व्यास नदी की तेज धाराओं ने कुल्लू और मनाली के बीच सड़क के कई हिस्सों को क्षतिग्रस्त कर दिया है .
पुनर्निर्माण के प्रयास जारी हैं, लेकिन अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि कुछ हिस्सों में राजमार्ग का 200 मीटर से ज्यादा हिस्सा पूरी तरह बह गया है . बनाला में एक बड़े भूस्खलन के कारण अधिकारियों को राजमार्ग बंद करना पड़ा, जबकि आस-पास के ढाबे, रेस्टोरेंट और दुकानें बाढ़ के पानी में बह गईं.
स्थानीय लोगों ने सुनाई आपबीती
स्थानीय निवासियों ने कहा कि इसका असर विनाशकारी रहा है . एक ग्रामीण ने बताया, "मनाली के कई इलाकों में बादल फटने से जलस्तर अचानक बढ़ गया है. कई परिवारों की जान को ख़तरा है. जब आस-पास के इलाकों में पानी भरने लगा, तो हमें ऊँचे इलाकों में जाना पड़ा. हमारे पास पीने का पानी नहीं है और सारे काम-धंधे ठप हो गए हैं
एक अन्य निवासी ने आर्थिक नुकसान की ओर इशारा करते हुए कहा, "यह सेब का मौसम है. मौसम की वजह से हमारे सभी फल नष्ट हो रहे हैं. अगर यही स्थिति रही तो हमें भारी नुकसान होगा." तबाही सिर्फ़ खेतों तक ही सीमित नहीं है. पुल और संपर्क सड़कें टूट गई हैं, जिससे मनाली के कई हिस्सों तक पहुँच बंद हो गई है. कई होटल और रिसॉर्ट नदी के किनारे ख़तरे में हैं, और कुछ तो पहले ही ढहने के ख़तरे में हैं.
कुल्लू में एक पर्यटक ने बताया कि कैसे अचानक बादल फटने से इलाके में पानी भर गया. उसने बताया कि जब बादल फटा, तब मैं अपने रिसॉर्ट में था और कुछ ही मिनटों में पानी का स्तर तेजी से बढ़ गया."
हिमाचल में मानसून की तबाही
अधिकारियों ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश जारी है, जिससे दुकानें बह गईं, इमारतें ढह गईं, राजमार्ग कट गए और रिहायशी इलाकों में पानी भर गया. 20 जून से अब तक मौसम संबंधी घटनाओं में कम से कम 158 लोगों की मौत हो चुकी है और 38 लोग अभी भी लापता हैं. सोमवार शाम से मंगलवार के बीच राज्य में 12 बार अचानक बाढ़, दो बड़े भूस्खलन और एक बादल फटने की घटना हुई. लाहौल स्पीति में नौ, कुल्लू में दो और कांगड़ा में अचानक बाढ़ आई, जबकि चंबा में एक बादल फटने की घटना दर्ज की गई.


