मोदी सरकार के नए ऑनलाइन गेमिंग कानून को पहली चुनौती, कर्नाटक हाईकोर्ट में 30 अगस्त को सुनवाई
कर्नाटक हाईकोर्ट में A23 ने ऑनलाइन मनी गेम्स पर लगे प्रतिबंध को चुनौती दी है. नया कानून सभी प्रकार के पैसों वाले गेम्स को गैरकानूनी घोषित करता है. सरकार ने इसे नशा, वित्तीय नुकसान और सुरक्षा जोखिमों के खिलाफ कदम बताया, जबकि उद्योग जगत ने इसे वैध व्यवसायों के लिए खतरा माना है.

Online Gaming ban: कर्नाटक हाईकोर्ट अगले 30 अगस्त को अग्रणी ऑनलाइन गेमिंग कंपनी A23 द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करेगा. इस याचिका में 2025 में पारित नए कानून Promotion and Regulation of Online Gaming Act, 2025 को चुनौती दी गई है, जो भारत में सभी प्रकार के ऑनलाइन मनी गेम्स को गैरकानूनी ठहराता है. वरिष्ठ अधिवक्ता सी. आर्यमा सुंदरम और ध्यान चिन्नप्पा ने याचिका को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कराया है.
ऑनलाइन मनी गेम्स पर बैन
यह कानून ऑनलाइन मनी गेम्स को चाहे कौशल पर आधारित हों या संयोग पर गैरकानूनी घोषित करता है. यह विधेयक 20 अगस्त को लोकसभा और 21 अगस्त को राज्यसभा में पारित हुआ था. इससे कौशल-आधारित और संयोग-आधारित विभिन्न खेलों को मौद्रिक दांव संबंधी किसी भी खेल के दायरे में ला कर प्रतिबंधित कर दिया गया है.
कानून में कठोर प्रावधान
नए कानून में अपराध को संज्ञेय और गैर-जमानती घोषित करते हुए धोखाधड़ी, नशे या वित्तीय अपराध से जुड़े मामलों को गंभीरता से लिया गया है. मनी गेम चलाने या उससे संबंधित वित्तीय लेनदेन के लिए तीन वर्ष तक की जेल या ₹1 करोड़ तक का जुर्माना हो सकता है. बार-बार दोष साबित होने पर यह सजा बढ़कर 5 वर्ष और ₹2 करोड़ तक हो सकती है. इसके अलावा, वित्तीय संस्थान बैंक, भुगतान प्रदाता और अन्य मनी गेमिंग से जुड़े लेनदेन को संसाधित नहीं कर सकेंगे.
नियामक प्राधिकरण
केंद्रीय सरकार एक राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण (Online Gaming Authority) स्थापित करेगी, जो गेम्स की पंजीकरण, वर्गीकरण, नीति-निर्धारण और अनुपालन निगरानी का जिम्मा उठाएगा. इस प्राधिकरण को शिकायतों को सुने की शक्ति, निर्देश जारी करने और नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई करने का अधिकार होगा.
सरकार के बचाव
सरकार ने इस कानून का बचाव करते हुए कहा है कि यह मनी गेम्स से उत्पन्न नशा, वित्तीय हानि, लत और कर्ज, विशेषकर युवाओं और कमजोर समुदायों में, को रोकने की दिशा में कदम है. इसका उद्देश्य मनी लांड्रिंग, कर चोरी और आतंकवाद के वित्तपोषण जैसी सुरक्षा जोखिमों को भी कम करना है.
ई‑स्पोर्ट्स को बढ़ावा
साथ ही यह कानून गैर-मौद्रिक प्रतिस्पर्धात्मक ई-गेमिंग (ई-स्पोर्ट्स), सामाजिक और शैक्षिक खेलों को बढ़ावा देता है. इन्हें डिजाइन, पंजीकरण और निगरानी का आर्थिक और नीतिगत समर्थन मिलेगा, ताकि सकारात्मक और सुरक्षित गेमिंग संस्कृति का विकास हो सके.
उद्योग जगत की प्रतिक्रिया
यह कानून A23 कंपनी के माध्यम से अदालत में सबसे पहले चुनौती का सामना कर रहा है. A23 ने इस विधेयक को अवैधानिक ठहराते हुए दावा किया है कि यह कौशल-आधारित खेलों को अवैध घोषित कर वैध व्यवसाय को भी प्रभावित करेगा. वहीं कुछ विशेषज्ञों और उद्योग प्रतिनिधियों ने यह तर्क दिया कि पूर्ण प्रतिबंध से वेतनभोगी सेक्टर प्रभावित होगा, नौकरियों में कटौती और विदेशी निवेश पर संकट आएगा.


