हजारों की संख्या में लोग, एंट्री गेट पर भारी भीड़...चिन्नास्वामी स्टेडियम में कैसे RCB की जीत का जश्न मातम में बदला?
RCB की आईपीएल 2025 में पहली बार खिताबी जीत का जश्न बेंगलुरु में एक त्रासदी में बदल गया. एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 लोग मारे गए और कई घायल हुए. कर्नाटक सरकार और पुलिस की कुप्रबंधन के कारण स्थिति बिगड़ी, और डीके शिवकुमार ने लोगों से माफी मांगी.

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की आईपीएल 2025 में पहली बार खिताबी जीत का जश्न बुधवार को एक बड़ी त्रासदी में बदल गया. बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भारी भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और 20 से अधिक लोग घायल हो गए. यह घटना उस समय हुई जब हजारों आरसीबी प्रशंसक ट्रॉफी के साथ अपनी टीम को एक झलक पाने के लिए स्टेडियम के बाहर एकत्र हो गए थे.
भगदड़ का कारण
स्टेडियम के आसपास की सड़कों पर भारी भीड़ इकट्ठी हो गई, जिससे भगदड़ मच गई. पुलिस को स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा, लेकिन इसके बावजूद कई लोग घायल हो गए. अधिकारियों ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि छह लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए, जिनका इलाज बॉवरिंग अस्पताल में किया गया. यह दृश्य उस समय उत्पन्न हुआ जब प्रशंसक पेड़ों और बसों पर चढ़ने लगे, ताकि आईपीएल 2025 चैंपियन आरसीबी की एक झलक पा सकें.
जश्न के दौरान अराजकता
कर्नाटक सरकार ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु टीम को पहली बार आईपीएल खिताब जीतने पर सम्मानित किया था, जिसने 18 साल के इंतजार के बाद यह उपलब्धि हासिल की. राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और राज्यपाल थावर चंद गहलोत ने विधानसौध की सीढ़ियों पर टीम को सम्मानित किया. लेकिन इस सम्मान समारोह के दौरान ही भारी भीड़ के कारण अराजकता फैल गई. पुलिस द्वारा बार-बार भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की गई, लेकिन भीड़ बढ़ती ही गई, जिससे घटनाओं का सिलसिला बिगड़ता गया. पुलिस ने अव्यवस्थित व्यवहार और अवैध प्रवेश के खिलाफ चेतावनी दी, लेकिन यह कारगर नहीं हो सका.
डीके शिवकुमार का बयान
कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया दी और कहा, "अभी तक मुझे मौतों के बारे में कोई जानकारी नहीं है. मैं सम्मान समारोह में व्यस्त था, लेकिन पूरी रैली के दौरान भीड़ बेकाबू थी. इस वजह से हमें जुलूस को रद्द करना पड़ा. मैं कर्नाटक के लोगों से माफी मांगता हूं कि हम उस दिन जुलूस को नहीं चला सके." यह दुखद घटना आरसीबी की ऐतिहासिक जीत के जश्न को एक काले धब्बे के रूप में बदल गई, जिससे न सिर्फ शहर, बल्कि राज्य भर में चिंता और अफरातफरी का माहौल बन गया.


