क्या रविवार को दिल्ली में आ धमकी अनहोनी कालबैसाखी, जानें मई में क्यों बरसी आफत की बारिश?
Delhi rain: दिल्ली-एनसीआर में रविवार तड़के अचानक आई तेज बारिश, आंधी और गरज-चमक ने लोगों को चौंका दिया. मई के महीने में इस तरह का मौसम आमतौर पर नहीं देखा जाता, लेकिन इस बार हालात कुछ अलग रहे. मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, यह तूफान पूर्व भारत की पहचान माने जाने वाले 'कालबैसाखी' से मेल खाता है.

Delhi rain: दिल्ली-एनसीआर में शनिवार देर रात से लेकर रविवार तड़के तक हुई तेज बारिश, गरज-चमक और तेज हवाओं ने पूरे उत्तर-पश्चिमी भारत को हिला कर रख दिया. आमतौर पर पूर्वी भारत में अप्रैल-मई के दौरान आने वाले कालबैसाखी या नॉर'वेस्टर जैसे तूफानों की तर्ज पर यह मौसम का मिजाज बेहद असामान्य था. मध्य मई में इस प्रकार की तेज बारिश और आंधी न सिर्फ चौंकाने वाली थी, बल्कि यह बदलते मौसम के संकेत भी दे रही है.
बीते कुछ दिनों से दिल्ली-एनसीआर में समय-समय पर तेज बारिश, हवाएं और गरज-चमक का दौर देखने को मिल रहा है. गर्मी से कुछ राहत तो जरूर मिली है, लेकिन मई महीने में इस प्रकार का मौसम बदलाव सामान्य नहीं है. विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के चलते अब उन इलाकों में भी अप्रत्याशित मौसमी घटनाएं हो रही हैं, जहां पहले इनकी संभावना नहीं होती थी.
क्या दिल्ली में आया कालबैसाखी?
शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात को दिल्ली और आसपास के इलाकों में जो तेज बारिश और आंधी-तूफान आया, उसके पीछे कालबैसाखी जैसे लक्षण देखने को मिले. हालांकि, कालबैसाखी एक ऐसा मौसमी घटनाक्रम है, जो आमतौर पर पूर्वी भारत जैसे पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, झारखंड और बिहार में अप्रैल से मई के बीच देखा जाता है. इसे नॉर'वेस्टर भी कहा जाता है क्योंकि यह आमतौर पर उत्तर-पश्चिम दिशा से आता है और काफी तबाही मचा सकता है.
क्या होता है कालबैसाखी या नॉर'वेस्टर?
कालबैसाखी यानी "बैसाख महीने की आपदा" एक प्रकार का प्री-मानसूनी तूफान होता है, जो विशेषकर पूर्वी भारत में देखने को मिलता है. इसके प्रमुख लक्षण होते हैं:
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तेज हवाएं: इसकी हवाओं की रफ्तार 100 किमी/घंटा से भी अधिक हो सकती है, जो कभी-कभी डेरचो जैसी सीधी रेखा में चलने वाली हवाओं जैसा प्रभाव डालती हैं.
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तेज बारिश: अचानक तेज बारिश जो कई बार फ्लैश फ्लड का कारण बन सकती है. दिल्ली-एनसीआर में शनिवार रात करीब 2 बजे इसी तरह की बारिश देखी गई.
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ओले और बवंडर: कुछ नॉर'वेस्टर तूफानों में ओले और कभी-कभी बवंडर भी बनते हैं.
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बो इको: रडार पर ये अक्सर धनुष के आकार के पैटर्न में दिखाई देते हैं, जो एक संगठित तूफानी प्रणाली को दर्शाते हैं.
दिल्ली-एनसीआर में बारिश की ये चार बड़ी वजहें
विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में रविवार की रात जो तेज बारिश और आंधी देखी गई, उसके पीछे चार अहम मौसमीय कारण थे:
1. वेस्टर्न डिस्टर्बेंस
पश्चिमी विक्षोभ, जो आमतौर पर भूमध्यसागर क्षेत्र से उठते हैं, उत्तर भारत में मई के महीने में भी असामान्य बारिश का कारण बन सकते हैं. इस बार यह विक्षोभ अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आई नमी से मिल गया, जिससे भारी बारिश हुई.
2. चक्रवाती परिसंचरण
राजस्थान और हरियाणा जैसे आसपास के क्षेत्रों में ऊपरी हवा में बने चक्रवाती सिस्टम ने तूफानी गतिविधियों को जन्म दिया. पंजाब और हरियाणा के ऊपर बना यह सिस्टम अरब सागर और बंगाल की खाड़ी की नमी से पोषित था, जिससे दिल्ली-एनसीआर में बारिश और ओले गिरे.
3. संवहन प्रणाली
मैदानी इलाकों की तीव्र गर्मी और उच्च आर्द्रता ने संवहन प्रणाली का निर्माण किया, जिससे गर्म और नम हवा तेजी से ऊपर उठी और तूफानी बादल बने.
4. मानसूनी ट्रफ का प्रभाव
मई के अंत तक मानसून ट्रफ उत्तर भारत को प्रभावित करने लगता है, जिससे नमी में वृद्धि होती है और प्री-मानसूनी बारिश की संभावना बढ़ जाती है. मानसूनी ट्रफ अपने सामान्य स्थान से दक्षिण की ओर खिसक गया था, जिससे दिल्ली में असमय बरसात हुई.
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इन सभी कारकों के संयुक्त प्रभाव से ही दिल्ली-एनसीआर में यह तीव्र और असामान्य मौसम प्रणाली बनी है.


