उद्धव ठाकरे ने CM फडणवीस से की मुलाकात, आदित्य ठाकरे भी रहे मौजूद
Maharashtra Politics: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे को फोन पर आमंत्रित किया था. हालांकि पूर्व सीएम समारोह में शामिल नहीं हुए.

Uddhav Fadnavis Meeting: शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को नागपुर में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से विधान भवन में उनके कक्ष में मुलाकात की. इस दौरान शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे, अनिल परब और वरुण सरदेसाई भी उनके साथ मौजूद रहे. यह मुलाकात राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के बीच हुई.
#WATCH | Shiv Sena (UBT) leader Uddhav Thackeray meets Maharashtra CM Devendra Fadnavis in Nagpur
(Source: DG-I&PR) pic.twitter.com/wbuZd3UdMR— ANI (@ANI) December 17, 2024
आदित्य ठाकरे का बयान
आपको बता दें कि सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात के बाद शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने कहा, ''आज हमारे पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से मुलाकात की. यह एक सकारात्मक कदम है.'' उन्होंने आगे कहा, ''महाराष्ट्र सरकार को राज्य और देश के हित के लिए राजनीतिक परिपक्वता दिखाते हुए सत्तारूढ़ और विपक्ष को साथ मिलकर काम करना चाहिए.'' उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विपक्ष के नेता के मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई.
महा विकास अघाड़ी की स्थिति
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा की 15वीं विधानसभा में विपक्ष का नेता नहीं है, क्योंकि महा विकास अघाड़ी (MVA) को 20 नवंबर को हुए चुनाव में 10 प्रतिशत सीटें नहीं मिल सकीं. शिवसेना (UBT) को 20, कांग्रेस को 16 और एनसीपी (SP) को 10 सीटें मिलीं. वहीं, भाजपा-शिवसेना-एनसीपी के महायुति गठबंधन ने 288 में से 230 सीटों पर जीत दर्ज की.
उद्धव ठाकरे का सरकार पर निशाना
वहीं आपको बताया दें कि नागपुर पहुंचने के बाद उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ''एक राष्ट्र, एक चुनाव' लागू करने से पहले चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता होनी चाहिए.'' उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयुक्तों का चयन चुनावों के माध्यम से होना चाहिए.
लक्की बहिन योजना पर तंज
इसके अलावा आपको बता दें कि उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार की 'लक्की बहिन योजना' पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि सरकार ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि महिलाओं को 2100 रुपये दिए जाएंगे, जबकि फिलहाल 1500 रुपये मिल रहे हैं. इस योजना को महायुति की जीत में अहम भूमिका माना जा रहा है.


