उज्ज्वला से हाईवे तक, एलपीजी-शिक्षा-विकास पर मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक
केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज हुई अहम बैठक में सरकार ने पांच बड़े फैसलों को मंजूरी दी। इनमें उज्ज्वला योजना, एलपीजी सब्सिडी, तकनीकी शिक्षा, पूर्वोत्तर राज्यों के विकास और राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजना से जुड़े महत्वपूर्ण प्रस्ताव शामिल हैं, जिनका सीधा लाभ जनता और अर्थव्यवस्था को मिलेगा।

National News: केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज एक अहम बैठक हुई, जिसमें सरकार ने पाँच अहम फ़ैसलों को मंज़ूरी दी। इन अहम मंज़ूरियों में से एक उज्ज्वला योजना के लिए ₹12,060 करोड़ का अतिरिक्त बजट आवंटन शामिल है, जिससे देश भर के 10.33 करोड़ से ज़्यादा लोगों को फ़ायदा होने की उम्मीद है। इसके अलावा, सरकार ने आम जनता को राहत देते हुए किफायती रसोई गैस सिलेंडर सुनिश्चित करने के लिए ₹30,000 करोड़ का आवंटन किया है। कैबिनेट ने तकनीकी शिक्षा संस्थानों के विकास के लिए ₹4,200 करोड़ के बजट को भी मंज़ूरी दी। इसके अलावा, असम और त्रिपुरा के लिए विशेष विकास निधि के रूप में ₹4,250 करोड़ आवंटित किए गए हैं। एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय चार लेन वाले मरक्कनम-पुदुचेरी राजमार्ग के विकास के लिए ₹2,157 करोड़ की मंज़ूरी है।
कैबिनेट बैठक में बड़े फैसले
कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें उज्ज्वला योजना के लिए 12,060 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट और किफायती एलपीजी सिलेंडरों के लिए 30,000 करोड़ रुपये का आवंटन शामिल है। इसके अलावा तकनीकी शिक्षा संस्थानों के विकास के लिए 4,200 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया गया। असम और त्रिपुरा को विशेष विकास कोष के रूप में 4,250 करोड़ रुपये दिए जाएंगे, जबकि मरक्कणम-पुदुचेरी चार लेन राजमार्ग परियोजना के लिए 2,157 करोड़ रुपये मंजूर हुए। एलपीजी सब्सिडी के लिए भी 30,000 करोड़ रुपये का मुआवजा देने का फैसला किया गया है, जिससे आम उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद है।
सरकारी OMC को 30,000 करोड़ राहत
कैबिनेट ने सरकारी तेल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम (BPCL), और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL)—को पिछले 15 महीनों में लागत मूल्य से कम पर एलपीजी बेचने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 30,000 करोड़ रुपये की एलपीजी सब्सिडी को मंज़ूरी दे दी है। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह मुआवज़ा तेल विपणन कंपनियों (OMC) को 12 किश्तों में दिया जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय एलपीजी मूल्य में उतार-चढ़ाव का प्रभाव
2024-25 के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एलपीजी की कीमतें ऊँची बनी रहीं और इनके उच्च स्तर पर बने रहने की उम्मीद है। घरेलू उपभोक्ताओं को इन कीमतों में उतार-चढ़ाव से बचाने के लिए, सरकार ने बढ़ी हुई लागत का बोझ एलपीजी उपभोक्ताओं पर नहीं डालने का फैसला किया, जिसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को भारी वित्तीय नुकसान हुआ। इन चुनौतियों के बावजूद, इन कंपनियों ने घरों तक किफायती दरों पर एलपीजी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की है।
तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ₹4,200 करोड़
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि कैबिनेट ने 275 तकनीकी संस्थानों में बहु-विषयक शिक्षा और तकनीकी शिक्षा में अनुसंधान सुधार (MERITE) योजना के कार्यान्वयन को मंज़ूरी दे दी है। इसमें 175 इंजीनियरिंग कॉलेज और 100 पॉलिटेक्निक संस्थान शामिल हैं। यह योजना एक केंद्र प्रायोजित पहल है जिसकी अनुमानित कुल लागत 2025-26 से 2029-30 की अवधि के लिए ₹4,200 करोड़ है। इसमें से ₹2,100 करोड़ विश्व बैंक से ऋण के रूप में बाह्य सहायता के रूप में प्रदान किए जाएँगे।


