बुर्का विवाद पर साध्वी प्राची का तीखा हमला, नीतीश कुमार के समर्थन में दिया बड़ा बयान
अलीगढ़ में बुर्का और हिजाब को लेकर राजनीतिक बहस तेज़ हो गई है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक कार्यक्रम के दौरान एक महिला का हिजाब हटाने पर हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां विपक्ष और मुस्लिम धार्मिक नेता लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं कई हिंदू साधु-संत खुलकर नीतीश कुमार के समर्थन में आ गए हैं.

अलीगढ़: अलीगढ़ में बुर्का और हिजाब को लेकर जारी सियासी बहस और तेज हो गई है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक कार्यक्रम के दौरान महिला का हिजाब हटाने की घटना पर मचा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. जहां विपक्ष और मुस्लिम धर्मगुरु लगातार विरोध दर्ज करा रहे हैं, वहीं कई साधु-संत खुलकर नीतीश कुमार के समर्थन में सामने आ गए हैं.
इसी कड़ी में अलीगढ़ पहुंचीं साध्वी प्राची ने बुर्का, मदरसा, कुरान, समाजवादी पार्टी और क्रिसमस पर सांता क्लॉज को लेकर कई विवादित बयान दिए. उनके बयानों ने राजनीतिक गलियारों से लेकर सोशल मीडिया तक हलचल मचा दी है.
‘हिजाब हटाते ही धर्म खतरे में आ जाता है’
साध्वी प्राची ने कहा कि जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुर्का या हिजाब हटाते हैं तो कुछ लोगों को तुरंत धर्म खतरे में नजर आने लगता है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि शामली में जब बुर्का न पहनने पर एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और दो बेटियों की हत्या कर दी थी, तब किसी को धर्म खतरे में क्यों नहीं लगा.
उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों पर चुप्पी साध ली जाती है, लेकिन राजनीतिक मुद्दा बनते ही विरोध शुरू हो जाता है.
'प्रधानमंत्री के अंडरगारमेंट्स… तब धर्म खतरे में नहीं आता?'
साध्वी प्राची ने अंतरराष्ट्रीय घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा,"जब बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के अंडर गारमेंट्स हवा में उछाले जाते हैं तब मुस्लिम धर्म खतरे में नहीं आता है." उन्होंने दावा किया कि बुर्के की आड़ में फर्जी वोटिंग होती है, इसलिए बुर्का बैन होना चाहिए.
अपने बयान को और आगे बढ़ाते हुए साध्वी प्राची ने कहा कि मदरसों और कुरान पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि ऐसा करने से अपराधों पर रोक लगेगी. उनके इस बयान पर राजनीतिक विवाद और गहराने की संभावना जताई जा रही है.
'समाजवादी अब नमाजवादी'
सपा सांसद आरके चौधरी द्वारा हिंदू पद्धति से शव दाह संस्कार को प्रदूषण से जोड़ने वाले बयान पर साध्वी प्राची ने पलटवार किया. उन्होंने कहा,"समाजवादी पार्टी अब नमाजवादी पार्टी हो गई है." उन्होंने सवाल उठाया कि करोड़ों बीघे में बने कब्रिस्तानों से क्या प्रदूषण नहीं बढ़ रहा.
ईद और क्रिसमस पर भी टिप्पणी
ईद को लेकर साध्वी प्राची ने कहा कि त्योहार के दौरान सड़कों पर जानवरों की कुर्बानी दी जाती है और अवशेष फेंके जाते हैं, लेकिन तब समाजवादी पार्टी को प्रदूषण नजर नहीं आता.
क्रिसमस को लेकर उन्होंने कहा, "यह सांता क्लाज स्कूलों में ही जाते हैं. मदरसे में क्यों नहीं जाते. वहां भी जाया करें. टोपियां बांटा करें."
गौरतलब है कि नीतीश कुमार के इस कदम को लेकर विपक्षी दलों और मुस्लिम समाज के मौलानाओं ने कड़ा विरोध जताया है और उनसे माफी की मांग की जा रही है. वहीं साध्वी प्राची के बयानों ने इस विवाद को और तूल दे दिया है.


