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180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन...पर पानी की बूंद भी न गिरी, देखें Video

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के सफल ट्रायल की जानकारी दी, जिसमें यह कोटा–नागदा सेक्शन पर 180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी. वाटर टेस्ट के जरिए ट्रेन की स्थिरता और आधुनिक तकनीक का प्रदर्शन किया गया. रेलवे मंत्रालय के अनुसार, यह स्लीपर ट्रेन लंबी दूरी की रात की यात्रा को तेज़, आरामदायक और आधुनिक सुविधाओं से युक्त बनाएगी.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा कर भारतीय रेलवे की एक और बड़ी उपलब्धि की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का सफल ट्रायल किया गया, जिसमें यह ट्रेन कोटा–नागदा सेक्शन पर 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ी. यह परीक्षण रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) की निगरानी में किया गया.

वाटर टेस्ट से दिखी ट्रेन की मजबूती

इस ट्रायल का सबसे खास पहलू “वाटर टेस्ट” रहा. रेल मंत्री द्वारा साझा किए गए वीडियो में देखा गया कि ट्रेन के अंदर मोबाइल स्क्रीन पर स्पीड 182 किमी प्रतिघंटा तक पहुंच रही है, जबकि एक-दूसरे के ऊपर रखे पानी से भरे गिलास बिना छलके स्थिर बने हुए हैं. यह परीक्षण ट्रेन की बेहतरीन स्थिरता, संतुलन और आधुनिक तकनीक को दर्शाता है.

मौजूदा वंदे भारत ट्रेनों की क्षमता
भारतीय रेलवे नेटवर्क पर फिलहाल चल रही वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें सेमी-हाई स्पीड श्रेणी में आती हैं. इनकी डिज़ाइन स्पीड 180 किमी प्रतिघंटा है, जबकि परिचालन की अधिकतम गति 160 किमी प्रतिघंटा रखी गई है. रेलवे मंत्रालय के अनुसार, ट्रेनों की औसत गति ट्रैक की बनावट, रास्ते में ठहराव और रखरखाव कार्यों पर निर्भर करती है.

रात की यात्रा में आएगा बड़ा बदलाव
रेलवे मंत्रालय का कहना है कि आने वाली वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें रात के सफर को पूरी तरह बदल देंगी. ये ट्रेनें लंबी दूरी के यात्रियों के लिए तेज़ रफ्तार, आधुनिक सुविधाएं और अधिक आराम प्रदान करेंगी. विशेष रूप से एसी श्रेणी के यात्रियों को ध्यान में रखकर इन्हंि डिजाइन किया गया है, जिससे यात्रा समय में उल्लेखनीय कमी आएगी.

जल्द शुरू होगा नियमित संचालन
रेलवे के वर्षांत समीक्षा में बताया गया है कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें जल्द ही परिचालन के लिए तैयार होंगी. शुरुआत में इन्हें व्यस्त रूट्स पर चलाया जाएगा और बाद में धीरे-धीरे अन्य मार्गों पर भी शुरू किया जाएगा. मंत्रालय का मानना है कि यह पहल लंबी दूरी की ट्रेन यात्रा की परिभाषा बदल देगी.

वंदे भारत नेटवर्क का लगातार विस्तार
इससे पहले दिसंबर में भारतीय रेलवे ने चेन्नई और तटीय आंध्र प्रदेश के बीच यात्रा को और बेहतर बनाते हुए वंदे भारत एक्सप्रेस सेवा को नरसापुर तक बढ़ाया था. इससे न केवल कनेक्टिविटी मजबूत हुई, बल्कि यात्रियों को आधुनिक सुविधाओं के साथ तेज़ और आरामदायक सफर का अनुभव भी मिला.

भारतीय रेलवे की तकनीकी छलांग
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का यह सफल ट्रायल भारतीय रेलवे की तकनीकी प्रगति और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है. तेज़ गति, सुरक्षा और आराम के मेल से यह ट्रेन भविष्य की रेल यात्रा का नया मानक स्थापित कर सकती है.

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