जमीन कब्जाने के मामले में एक्शन...पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत कई लोगों के खिलाफ लखनऊ में FIR दर्ज
लखनऊ की स्वस्तिक सिटी कॉलोनी में रास्ता विवाद को लेकर जौनपुर के पूर्व सांसद धनंजय सिंह समेत विनय सिंह, उनके गनर और अन्य लोगों पर FIR दर्ज की गई है. आरोप है कि सार्वजनिक रास्ते पर दीवार बनाकर दबंगई की गई और विरोध करने वालों को धमकाया गया.

उत्तर प्रदेश : लखनऊ की पॉश कॉलोनी स्वस्तिक सिटी में सार्वजनिक रास्ते को लेकर हुआ विवाद अब बड़े सियासी और कानूनी मामले में तब्दील हो गया है. जौनपुर से पूर्व सांसद और बाहुबली नेता रहे धनंजय सिंह के खिलाफ FIR दर्ज होने से प्रदेश की राजनीति में हलचल मच गई है. यह मामला केवल एक कॉलोनी के रास्ते का नहीं, बल्कि दबंगई, राजनीतिक प्रभाव और पुलिस की भूमिका पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है.
सार्वजनिक रास्ता बंद करने का आरोप
धमकी और दबाव का आरोप
निवासियों का आरोप है कि विरोध के दौरान विनय सिंह हथियारबंद लोगों के साथ पहुंचे और लोगों को डराने-धमकाने लगे. इसी दौरान पूर्व सांसद धनंजय सिंह का नाम लेकर दबाव बनाया गया, जिससे कॉलोनी में दहशत फैल गई. बात बढ़ने पर गुस्साए निवासियों ने दीवार को गिरा दिया. इसके बाद मामला सीधे थाने तक पहुंच गया.
पुलिस कार्रवाई पर उठे सवाल
शुरुआत में पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में रही. कॉलोनी वासियों का आरोप है कि उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने के बजाय तत्कालीन थानाध्यक्ष ने उल्टा विनय सिंह की तहरीर पर ही मामला दर्ज कर लिया. इससे लोगों में नाराजगी और बढ़ गई. लेकिन जब विवाद से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए, तब पुलिस प्रशासन हरकत में आया.
वीडियो वायरल होने के बाद बदली तस्वीर
वीडियो सामने आने के बाद कॉलोनी के लोगों ने पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सिंह सेंगर से मुलाकात की और नक्शा व रजिस्ट्री से जुड़े दस्तावेज सौंपे. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कमिश्नर ने तुरंत संज्ञान लिया. सुशांत गोल्फ सिटी थाने के इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया गया और कॉलोनी वासियों की शिकायत पर नई FIR दर्ज करने के आदेश दिए गए.
गंभीर धाराओं में दर्ज हुआ केस
इस मामले में विनय सिंह, पूर्व सांसद धनंजय सिंह, उनके सरकारी गनर और कई अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं. इसके साथ ही अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धाराएं भी जोड़ी गई हैं, जिससे मामले की संवेदनशीलता और बढ़ गई है.
धनंजय सिंह का नाम फिर चर्चा में
धनंजय सिंह का नाम पहले भी कई आपराधिक मामलों में सामने आ चुका है. अपहरण, रंगदारी और दबंगई जैसे आरोपों से उनका पुराना नाता रहा है. यही वजह है कि इस केस में उनका नाम जुड़ते ही मामला राजनीतिक और सामाजिक बहस का विषय बन गया है.
कानून-व्यवस्था पर संदेश
यह पूरा प्रकरण लखनऊ पुलिस और प्रशासन के लिए एक कड़ा संदेश भी है कि दबाव में गलत कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी. फिलहाल मामले की जांच जारी है और आरोपी पक्ष की तलाश की जा रही है. कॉलोनी निवासी इसे आम नागरिकों की हक की लड़ाई बता रहे हैं, जो अब कानून के रास्ते आगे बढ़ रही है.


