Video: मणिपुर में प्रदर्शनकारियों ने सिर पर डाला पेट्रोल, दी आत्मदाह की धमकी
Manipur Violence: मणिपुर के इंफाल में AT नेता की गिरफ्तारी के बाद विरोध प्रदर्शन भड़क गया. प्रदर्शनकारियों ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह की धमकी दी और सड़कों पर टायर जलाए. उन्होंने आरोप लगाया कि हथियार छोड़ने और राहत कार्यों के बावजूद सरकार उन्हें निशाना बना रही है.

Manipur Violence: मणिपुर के इंफाल में शनिवार रात को उस समय हालात बिगड़ गए जब अरंबाई तेंगगोल (AT) संगठन के प्रमुख नेता की गिरफ्तारी के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. गुस्से से भरे युवकों के एक समूह ने सरेआम अपने सिर पर पेट्रोल डाला और खुद को आग लगाने की धमकी दी. इस घटना ने राज्य की कानून-व्यवस्था को लेकर गंभीर चिंता खड़ी कर दी है.
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि उन्होंने हथियार छोड़ दिए थे और हाल ही में आई बाढ़ के दौरान राहत कार्यों में हिस्सा लिया, लेकिन अब सरकार और सुरक्षा बल उन्हें निशाना बना रहे हैं. विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए, सड़कों को जाम किया और शहर के कुछ इलाकों में गोलियों की आवाज़ें भी सुनाई दीं.
Manipur is exploding.
CRPF opens fire. Curfew fails.
NIA arrest triggers Imphal protests.
India’s Northeast is slipping fast.
Wake up, Delhi.#Manipur #ManipurViolence #Imphal pic.twitter.com/ZSTY0ktoMc— THE SQUADRON (@THE_SQUADR0N) June 7, 2025
संगठन के प्रमुख नेता की गिरफ्तारी के बाद मचा बवाल
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने अरंबाई तेंगगोल संगठन के नेता को शनिवार को गिरफ्तार किया. इसके विरोध में इंफाल में व्यापक प्रदर्शन हुए, जिनमें प्रदर्शनकारियों ने उग्र रूप अख्तियार करते हुए आत्मदाह की चेतावनी दी. काले टीशर्ट पहने कई युवक पेट्रोल की बोतलें लेकर सड़कों पर उतरे. एक युवक ने कहा, "हमने हथियार छोड़ दिए हैं. बाढ़ में हमने राहत कार्य किए. अब आप हमें गिरफ्तार कर रहे हैं. हम खुद को मार देंगे."
कर्फ्यू और इंटरनेट सेवा बंद
सरकार ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट, बिष्णुपुर, थौबल और काकचिंग जिलों में पांच दिनों के लिए कर्फ्यू और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं. यह निर्णय ताजा विरोध प्रदर्शनों और सुरक्षा की दृष्टि से लिया गया है.
AT की भूमिका और विवाद
AT (अरंबाई तेंगगोल) खुद को एक सांस्कृतिक संगठन बताता है, लेकिन उस पर मई 2023 में शुरू हुई मैतेई-कुकी हिंसा में शामिल होने के आरोप हैं. AT का दावा है कि कानून व्यवस्था की विफलता के कारण उन्होंने 'विलेज वॉलंटियर्स' के रूप में हथियार उठाए ताकि अपने गांवों की रक्षा कर सकें. फरवरी में मणिपुर के राज्यपाल एके भल्ला के निर्देश पर AT ने हथियार जमा भी किए थे और बाढ़ राहत कार्यों में भी सक्रिय रहे.
कुकी समुदाय में भी नाराजगी
इस बीच, कुकी समुदाय में भी आक्रोश है. हाल ही में मोरेह से एक कथित उग्रवादी नेता कमगिंगथांग गंगटे की गिरफ्तारी को लेकर उन्होंने भी विरोध शुरू कर दिया है. गंगटे पर अक्टूबर 2023 में एक पुलिस अधिकारी की स्नाइपर राइफल से हत्या का आरोप है. वह कुकी नेशनल आर्मी (KNA) से जुड़ा हुआ बताया जाता है, जिसने केंद्र और राज्य सरकार के साथ SoO (सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस) समझौता किया हुआ है.
कानूनी कार्रवाई में समुदायों का विरोध
पुलिस सूत्रों का कहना है कि मणिपुर में जातीय विभाजन के कारण दोनों समुदायों की ओर से गिरफ्तारी में बाधा आती है. जब भी किसी संदिग्ध को गिरफ्तार करने का प्रयास होता है, तो स्थानीय लोग विरोध करते हैं, जिससे कानून-व्यवस्था की स्थिति और बिगड़ती है.
दोनों पक्षों के पास भारी हथियार
चाहे मैतेई हों या कुकी, दोनों पक्षों ने अपने 'वॉलंटियर्स' तैयार किए हैं और उनके पास AK सीरीज की राइफलें, स्नाइपर, मोर्टार, ग्रेनेड और ड्रोन जैसे आधुनिक हथियार मौजूद हैं. प्रतिबंधित मैतेई उग्रवादी संगठन जैसे PLA, KYKL और KCP भी मई 2023 के बाद फिर से सक्रिय हो गए हैं.
मणिपुर की जातीय हिंसा में अब तक 260 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और करीब 50,000 लोग अपने घरों से विस्थापित हुए हैं. हालात अब भी पूरी तरह सामान्य नहीं हैं.


