सरकार और बैंक दोनों ने किया धोखा... किंगफिशर एयरलाइंस पर विजय माल्या का आरोप
भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस के डूबने को लेकर बड़ा खुलासा किया है. यूट्यूबर राज शमानी के साथ बातचीत में माल्या ने बताया कि 2008 की वैश्विक मंदी के चलते एयरलाइन आर्थिक संकट में आ गई थी.

Vijay Mallya: किंगफिशर एयरलाइंस के डूबने की कहानी एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार खुद विजय माल्या ने इसके पीछे की वजहों को विस्तार से बताया है. भगोड़े कारोबारी विजय माल्या ने दावा किया है कि उन्होंने उस समय के वित्त मंत्री श्री प्रणब मुखर्जी से एयरलाइंस के ऑपरेशंस को घटाने की अनुमति मांगी थी, लेकिन उनकी इस अपील को ठुकरा दिया गया. माल्या का कहना है कि अगर उस वक्त उनकी बात मान ली जाती, तो शायद किंगफिशर का भविष्य कुछ और होता.
हाल ही में यूट्यूबर राज शमानी के साथ बातचीत में माल्या ने बताया कि कैसे 2008 की वैश्विक मंदी ने उनकी एयरलाइन को तबाह कर दिया. उन्होंने कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस 2005 से 2008 तक बिना किसी दिक्कत के चल रही थी, लेकिन वैश्विक आर्थिक संकट के बाद सब कुछ बदल गया.
2008 की मंदी ने बदली तस्वीर
विजय माल्या ने बताया, "पैसे की धार सूख गई थी. भारतीय रुपये की वैल्यू भी गिर गई थी. किंगफिशर एयरलाइंस, जिसे 2005 में शुरू किया गया था, अपनी लग्ज़री सर्विस के लिए जानी जाती थी. लेकिन जब आर्थिक हालात बिगड़ने लगे, तो खर्च बढ़ते गए और आमदनी घटती चली गई. इसी बीच माल्या ने प्रणब मुखर्जी से मुलाकात की थी.
मैं श्री प्रणब मुखर्जी के पास गया था
माल्या ने बातचीत में खुलासा किया कि 'मैं श्री प्रणब मुखर्जी के पास गया और कहा कि मेरे पास एक बड़ी समस्या है. किंगफिशर एयरलाइंस को डाउनसाइज़ करना होगा. मुझे विमान घटाने होंगे, कर्मचारियों को निकालना होगा, क्योंकि इस आर्थिक संकट में मैं इसे नहीं चला सकता. लेकिन माल्या का कहना है कि उनकी इस योजना को खारिज कर दिया गया और उन्हें कहा गया कि एयरलाइंस को चलाते रहिए, बैंक आपको सपोर्ट करेंगे. 'मुझे कहा गया कि आप डाउनसाइज न करें. आप जारी रखिए, बैंक आपकी मदद करेंगे. यहीं से सारा मामला शुरू हुआ.
बैंकों से मदद के वादे झूठे निकले
माल्या के अनुसार, उन्होंने बैंकिंग सिस्टम पर भरोसा किया लेकिन उन्हें असल में मदद नहीं मिली. उन्होंने दावा किया कि उन्होंने बैंकों को चार बार सेटलमेंट का ऑफर दिया, लेकिन हर बार उसे ठुकरा दिया गया. "मैंने 15 बार अकाउंट स्टेटमेंट की मांग की, लेकिन कभी नहीं मिला. मुझे असली कर्ज की राशि संसद में वित्त मंत्री के बयान से पता चली," माल्या ने कहा.
6203 करोड़ था असली कर्ज
माल्या ने मीडिया रिपोर्ट्स पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि उनके ऊपर ₹9000 करोड़ का कर्ज होने की बात गलत है. उन्होंने दावा किया कि डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल (DRT) के प्रमाणपत्र के अनुसार वास्तविक बकाया ₹6203 करोड़ ही था. मुझे चोर क्यों कहा जा रहा है, जबकि मैंने उससे ज्यादा चुका दिया है जितना लिया था. मैं कोर्ट में ट्रायल के लिए तैयार हूं, लेकिन गलत मंशा के लिए नहीं, किसी अपराध के लिए नहीं.
अब भी सवालों के घेरे में विजय माल्या
हालांकि माल्या खुद को निर्दोष बता रहे हैं, लेकिन भारत सरकार और जांच एजेंसियों के अनुसार उन पर धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के गंभीर आरोप हैं. इस नए बयान के बाद एक बार फिर से यह मामला मीडिया और पब्लिक डिबेट का हिस्सा बन गया है.


