एक जंग, सबका अंत... अगर भारत पाक के बीच हुआ युद्ध, तो पूरी दुनियां में मच जाएगी तबाही!
India Pakistan nuclear war: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर एक प्रोफेसर ने चौंकाने वाली चेतावनी दी है. उनके मुताबिक, अगर दोनों देशों के बीच परमाणु युद्ध हुआ, तो इसकी चपेट में न सिर्फ दक्षिण एशिया, बल्कि अमेरिका, रूस, यूरोप और चीन समेत पूरी दुनिया आ सकती है.

India Pakistan nuclear war: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव एक ऐसी परमाणु जंग की आहट दे रहा है, जो न केवल दक्षिण एशिया बल्कि पूरी मानवता के लिए विनाशकारी साबित हो सकती है. एक प्रतिष्ठित प्रोफेसर द्वारा किए गए चौंकाने वाले दावे के अनुसार, अगर दोनों देशों के बीच पूर्ण पैमाने पर परमाणु युद्ध होता है, तो इसका असर अमेरिका, रूस, यूरोप और चीन जैसे ताकतवर देशों तक पहुंचेगा और दुनिया की 99% आबादी नष्ट हो सकती है.
डेली स्टार की रिपोर्ट और रूसी टेलीग्राम चैनल पूल नंबर 3 पर साझा किए गए वैज्ञानिक मॉडल के अनुसार, भारत-पाकिस्तान के बीच परमाणु संघर्ष से वैश्विक भूख, आग के तूफान और जलवायु संकट जैसी आपदाएं जन्म लेंगी. इस रिपोर्ट में मानवता को चेतावनी दी गई है कि अगर यह युद्ध हुआ, तो यह किसी एक देश या नेता की नहीं, बल्कि पूरी मानव सभ्यता की विफलता मानी जाएगी.
वैज्ञानिक मॉडल ने दिखाई विनाश की तस्वीर
डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, एक अनाम प्रोफेसर ने एक वैज्ञानिक मॉडल तैयार कर यह विश्लेषण किया कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु युद्ध होता है, तो क्या होगा. इस मॉडल के मुताबिक, यह युद्ध 47 मेगाटन कार्बन की राख उत्पन्न करेगा, जो परमाणु विस्फोटों की वजह से नहीं, बल्कि बड़े शहरों में लगने वाली आग की वजह से होगी. उन्होंने बताया, "यह उस तरह का आग का तूफ़ान होगा जिसने हिरोशिमा में तबाही मचाई थी. यह किसी भी जलने वाली वस्तु को भस्म कर देगा — कांच और धातु पिघल जाएंगे, डामर जलकर तरल में बदल जाएगा."
मेगासिटीज बनेंगी तबाही का केंद्र
रिपोर्ट में कहा गया है कि इस्लामाबाद जैसी विशाल आबादी वाली मेगासिटी में आग का तूफान अत्यधिक मात्रा में कालिख पैदा कर सकता है. यह कालिख समताप मंडल में पहुंच जाएगी, जहां यह बारिश से भी नीचे नहीं आएगी, और पूरी पृथ्वी के तापमान और जलवायु पर गंभीर असर डालेगी.
5 अरब से अधिक लोग भूख से मरेंगे
प्रोफेसर के अनुसार, "हम नहीं जानते कि परमाणु युद्ध में कितने लोग बचेंगे, लेकिन मुझे यकीन है कि भले ही यह उतना भयानक हो जितना कि कई वैज्ञानिक सोचते हैं, परंतु बचे हुए लोग इसे किसी एक राजनेता या देश की विफलता के रूप में नहीं, बल्कि पूरी मानवता की विफलता के तौर में देखेंगे, जिसने अपने बच्चों को पहले कभी इतना निराश नहीं किया."
परमाणु नीति पर भारत और पाकिस्तान के रुख में अंतर
भारत की "पहले इस्तेमाल न करने" (No First Use) की नीति स्पष्ट है — यानी वह केवल तब परमाणु हथियारों का प्रयोग करेगा जब उस पर पहले परमाणु हमला हो चुका हो. वहीं पाकिस्तान की "पूर्ण स्पेक्ट्रम निरोध" नीति इसे लचीला बनाती है, जिसमें पारंपरिक हमलों के जवाब में भी सामरिक परमाणु हथियारों के प्रयोग की संभावना रहती है.
2019 के पुलवामा हमले के बाद से तनाव चरम पर
2019 के पुलवामा आत्मघाती हमले में 40 भारतीय जवानों की मौत के बाद से भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में गहरा तनाव है. भारत ने इस हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया, जिसे पाकिस्तान ने खारिज कर दिया. इसके बाद दोनों देशों ने कूटनीतिक संबंध कम किए, संधियों को निलंबित करने की धमकी दी और एक-दूसरे के नागरिकों को निष्कासित कर दिया.
वैश्विक चिंताओं में इजाफा
जैसे-जैसे दोनों पड़ोसी परमाणु शक्ति संपन्न देशों के बीच तनाव बढ़ रहा है, दुनिया भर की चिंता भी बढ़ रही है. इस संकट को टालने के लिए वैश्विक नेतृत्व को तुरंत कदम उठाने की आवश्यकता है, वरना यह क्षेत्रीय युद्ध वैश्विक महाविनाश में बदल सकता है.


