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हम मध्य युग में वापस जा रहे, जहां राजा अपनी मर्जी से... PM, CM के पद छोड़ने वाले बिल पर बोले राहुल गांधी

लोकसभा में राहुल गांधी ने ब्लैक टीशर्ट पहनकर विपक्ष की एकता और संदेश को दर्शाया. उन्होंने उपराष्ट्रपति पद के लिए सुदर्शन रेड्डी का समर्थन किया और केंद्र सरकार के नए बिल की आलोचना की, जिसमें 30 दिन की हिरासत पर पीएम और सीएम को हटाने का प्रावधान है. राहुल ने पूर्व उपराष्ट्रपति की चुप्पी पर भी सवाल उठाए, जिससे मौजूदा सत्ता पर तीखा राजनीतिक कटाक्ष किया गया.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

Rahul Gandhi Parliament speech : लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ब्लैक टीशर्ट पहनकर संसद में आकर केवल उपस्थिति दर्ज नहीं कराई, बल्कि सत्ता और देश की जनता को एक खास संदेश देने की कोशिश भी की. यह मौका था संविधान भवन के सेंट्रल हॉल में INDIA गठबंधन की ओर से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी के सम्मान समारोह का. इस कार्यक्रम में राहुल ने कहा कि, “हम सुदर्शन रेड्डी जी का समर्थन कर रहे हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि वह मजबूती से चुनाव लड़ेंगे. देश इस संदेश को समझेगा जो हम देना चाहते हैं.”

नंबर भले कम हों, इरादा मजबूत है

जहाँ एक ओर एनडीए के पास संसद में स्पष्ट बहुमत है, वहीं दूसरी ओर INDIA गठबंधन संख्या के खेल में कमजोर दिख रहा है. इसके बावजूद, विपक्ष इस चुनाव को केवल संख्या नहीं बल्कि संदेश की लड़ाई के रूप में देख रहा है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर सत्ता पक्ष के खिलाफ मजबूत चेहरा पेश किया है. यह कदम दक्षिण भारत बनाम दक्षिण भारत की दिलचस्प लड़ाई में भी नया रंग भरता है.

उपराष्ट्रपति चुनाव में व्हिप नहीं, क्रॉस वोटिंग की उम्मीद
इस बार की एक खास बात यह भी है कि उपराष्ट्रपति चुनाव में किसी भी दल का व्हिप लागू नहीं होता. यानी सांसद अपनी मर्जी से वोट कर सकते हैं. ऐसे में कांग्रेस और उसके सहयोगियों को उम्मीद है कि कुछ सांसद पार्टी लाइन से हटकर INDIA गठबंधन के पक्ष में वोट दे सकते हैं. यह रणनीति सीधे तौर पर सत्ता पक्ष को एक संदेश देने की कोशिश है कि विपक्ष भले ही कमज़ोर दिखे, पर एकजुट है.

अमित शाह के बिल पर बोले राहुल...
राहुल गांधी ने गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए गए उस बिल पर भी कटाक्ष किया, जिसमें यह प्रावधान है कि यदि कोई मंत्री, मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री किसी गंभीर मामले में 30 दिन की न्यायिक हिरासत में रहता है तो उसे पद छोड़ना होगा. राहुल ने इस प्रस्ताव को लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक बताया और कहा, “हम फिर से उस दौर में लौट रहे हैं जहाँ राजा किसी को भी अपनी मर्जी से हटा सकता था. जनता के द्वारा चुने गए व्यक्ति का कोई महत्व नहीं बचा. उन्हें अगर आपका चेहरा पसंद नहीं आया तो ईडी को भेज देंगे, मामला दर्ज कराएंगे और 30 दिन में कुर्सी छिन जाएगी.” इस विधेयक को फिलहाल संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के पास भेज दिया गया है.

“पुराने उपराष्ट्रपति कहां चले गए?” राहुल का तंज 
अपने भाषण में राहुल गांधी ने पूर्व उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर भी सवाल उठाए. उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि “कल ही मैं किसी से बात कर रहा था... मैंने पूछा, पता है, पुराने उपराष्ट्रपति कहां गए? वे तो चुपचाप चले गए.” उन्होंने आगे जोड़ा कि जिस व्यक्ति की आवाज़ राज्यसभा में गूंजती थी, वह आज बिल्कुल चुप है. उन्होंने कहा कि यह चुप्पी ही इस दौर की सबसे बड़ी कहानी है. उन्होंने इशारों में यह भी संकेत दिया कि उपराष्ट्रपति पद छोड़ने के पीछे कोई अंदरूनी कहानी हो सकती है, जो जनता के सामने नहीं लाई जा रही है.

प्रतीकों और संकेतों की राजनीति
राहुल गांधी के पूरे भाषण और व्यवहार ने एक बात स्पष्ट कर दी. विपक्ष अब केवल तर्क नहीं, प्रतीकों के ज़रिए भी लड़ाई लड़ रहा है. चाहे वह ब्लैक टीशर्ट पहनकर संसद में आना हो, या सुदर्शन रेड्डी जैसे व्यक्ति को उम्मीदवार बनाना, या फिर उपराष्ट्रपति की चुप्पी पर सवाल उठाना—हर कदम सत्ता के खिलाफ एक संदेश है. यह रणनीति कितनी असरदार साबित होगी, यह आने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव में पता चलेगा.

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20 August 2025, 07:09 PM IST

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