मौसम का मिजाज बदलेगा: दिल्ली-यूपी समेत कई राज्यों में बारिश-आंधी का अलर्ट, बंगाल की खाड़ी तक पहुंचा मानसून
दिल्ली-यूपी समेत कई राज्यों में अगले कुछ दिनों तक आंधी-बारिश का अलर्ट है. वहीं, मानसून ने भी वक्त से पहले रफ्तार पकड़ ली है और बंगाल की खाड़ी तक पहुंच गया है. मौसम में हो रहे इस बदलाव का असर पूरे देश पर पड़ेगा. जानिए कहां-कहां बदलेगा मौसम का मिजाज और कब तक पहुंचेगा मानसून आपके शहर…

Weather Update: गर्मी से झुलसते देश के कई हिस्सों में राहत की खबर है. दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में मौसम ने अचानक करवट ली है. जैसे ही तापमान चढ़ने लगता है, वैसे ही आंधी और बारिश का झोंका आकर गर्मी की तपिश को कम कर देता है. ठीक ऐसा ही नज़ारा मंगलवार शाम को देखने को मिला, जब दिल्ली-एनसीआर में धूल भरी आंधी और हल्की बारिश ने मौसम को सुहाना बना दिया.
अब मौसम विभाग (IMD) ने अगले 4 दिन तक इन राज्यों में गरज-चमक के साथ बारिश की संभावना जताई है. यानी फिलहाल भीषण गर्मी का सामना नहीं करना पड़ेगा.
पहाड़ी इलाकों में भी बारिश की उम्मीद
गर्मी से बेहाल उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों – जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में भी लोगों को राहत मिलने वाली है. मौसम विभाग के अनुसार यहां तेज गरज के साथ बारिश होने की संभावना है. यानी पहाड़ों पर भी अब मौसम ठंडा और सुहावना होने वाला है.
बंगाल की खाड़ी में पहुंचा मानसून, जल्द केरल में दस्तक
इस बीच एक और बड़ी खबर है – दक्षिण-पश्चिम मानसून ने समय से पहले ही भारत की ओर कदम बढ़ा दिए हैं. मौसम विभाग ने बताया है कि मानसून मंगलवार को बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से, अंडमान सागर और निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों तक पहुंच चुका है.
IMD के मुताबिक, 27 मई तक केरल में मानसून के पहुंचने की संभावना है. अगर ऐसा होता है, तो यह 2009 के बाद पहली बार होगा जब मानसून इतनी जल्दी दस्तक देगा. उस साल मानसून 23 मई को ही केरल पहुंच गया था.
क्यों खास है मानसून का वक्त पर आना?
भारत की करीब 42% आबादी आज भी खेती पर निर्भर है. ऐसे में मानसून का समय पर आना खेती-किसानी के लिए वरदान साबित होता है. यह सिर्फ फसलों के लिए ही नहीं, बल्कि देश के जलाशयों को भरने, पीने के पानी और बिजली उत्पादन के लिए भी जरूरी होता है. देश की GDP में भी कृषि क्षेत्र का बड़ा योगदान है – करीब 18%.
IMD ने इस साल अप्रैल में बताया था कि 2025 का मानसून सामान्य से बेहतर रहेगा. इसके साथ ही उन्होंने एल नीनो जैसे खतरों की संभावना को नकार दिया, जो अक्सर कम बारिश का कारण बनते हैं.
हवाओं का रुख भी बता रहा है मानसून की तैयारी
पिछले दो दिनों में निकोबार द्वीप समूह में मध्यम से भारी बारिश हुई है. बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में पछुआ हवाएं तेज हो गई हैं, जिसकी रफ्तार समुद्र तल से 1.5 से 4.5 किलोमीटर ऊपर तक 20 समुद्री मील से अधिक दर्ज की गई है. साथ ही, बादल छाए रहने के संकेत देने वाला ओएलआर (आउटगोइंग लांगवेव रेडिएशन) भी कम हुआ है. ये सब संकेत इस बात के हैं कि मानसून अब धीरे-धीरे देश के बाकी हिस्सों की ओर बढ़ने को तैयार है.
राहत की बारिश, उम्मीद की फुहारें
तो तैयार रहिए! अगले कुछ दिनों में देश के कई हिस्सों में तापमान में गिरावट, बारिश की फुहारें और आंधियों का असर देखने को मिलेगा. खासकर दिल्ली-यूपी के लोगों के लिए यह समय गर्मी से कुछ राहत देने वाला हो सकता है. साथ ही, किसानों के लिए भी ये अच्छी खबर है क्योंकि समय पर मानसून उनके लिए एक नयी उम्मीद लेकर आएगा.


