दिल्ली से लेकर केरल तक.... 27 मई तक पहुंच सकता है मानसून, जानें मौसम के बारे में एक्सपर्ट की राय
मई में असामान्य मौसम ने भारत को चौंका दिया लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि इन बदलावों का मानसून पर कोई असर नहीं पड़ेगा. मानसून जल्द ही केरल और बंगाल की खाड़ी तक पहुंच सकता है लेकिन बारिश की मात्रा अभी अनिश्चित है. पढ़िए पूरी खबर और जानिए क्या कह रहे हैं मौसम विशेषज्ञ!

New Delhi: मई का महीना भारत में असामान्य मौसम लेकर आया है. कई राज्यों में बारिश और धूल भरी आंधी ने लोगों को चौंका दिया. हालांकि, देश के अधिकांश हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य से कम रहा, लेकिन मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इन बदलावों का असर मानसून पर नहीं पड़ेगा. अब बात करते हैं कि आने वाले दिनों में मौसम कैसे बदल सकता है, और मानसून कब और कहां पहुंचेगा.
मई में असामान्य मौसम की दस्तक
भारत में मई के महीने में इस बार असामान्य मौसम देखने को मिला. कई राज्यों में बार-बार बारिश और धूल भरी आंधी आई. इन घटनाओं के बीच, तापमान सामान्य से कम रहा. हालांकि, मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि इन घटनाओं से मानसून के आगमन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
आईएमडी के महानिदेशक का बयान
आईएमडी (भारत मौसम विज्ञान विभाग) के महानिदेशक के अनुसार, "हमारी जांच से यह साफ है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून की दिशा में आने वाली कोई भी घटनाएं, जैसे कि धूल भरी आंधी और गरज के साथ बारिश, मानसून के आगमन को प्रभावित नहीं करेंगी."
गर्मी की लहर और मानसून का आगमन
आईएमडी ने यह भी कहा कि मई के आखिरी हफ्ते में गर्मी की लहर हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों को प्रभावित कर सकती है. वहीं, विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि 27 मई के आसपास मानसून बंगाल की खाड़ी और केरल में दस्तक दे सकता है. हालांकि, मानसून की शुरुआत बारिश की मात्रा से नहीं जुड़ी होगी, इसलिए हमें यह देखना होगा कि मानसून में कितनी बारिश होती है.
उत्तर-पश्चिम भारत में 'हीट लो' का असर
एक और महत्वपूर्ण जानकारी दी गई कि उत्तर-पश्चिम भारत में 'हीट लो' का असर मानसून पर पड़ता है. इस 'हीट लो' के कारण कम दबाव का क्षेत्र बनता है, जो मानसून को आकर लेने वाली नम हवा को खींचता है. अगर यह नहीं बनता, तो मानसून की शुरुआत कमजोर हो सकती है. फिलहाल, ऐसा कोई 'हीट लो' नजर नहीं आ रहा है, जिससे यह संभावना जताई जा रही है कि मानसून की शुरुआत सामान्य रहेगी.
पश्चिमी विक्षोभ का असर
मौसम के विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ लगातार सक्रिय रहने के कारण, देश के कई हिस्सों में बारिश और गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश देखने को मिल रही है. राजस्थान को छोड़कर, अधिकांश राज्यों में तापमान सामान्य या सामान्य से कम रहा है. हालांकि, कुछ क्षेत्रों में गर्मी की लहर जरूर महसूस हो रही है.
मानसून की शुरुआत पर नजरें
अब सभी की निगाहें 27 मई पर टिकी हैं, जब मानसून के आने की उम्मीद जताई जा रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक मानसून की शुरुआत होती है, हमें इसकी बारिश की सही मात्रा का अनुमान लगाने में थोड़ा समय लगेगा.


