क्या है PM Vishwakarma Yojana? जानें कारीगरों कैसे को मिलेगा आसान लोन
PM Vishwakarma Yojana: कारीगरों और शिल्पकारों के कौशल को बढ़ाने और उन्हें आर्थिक रूप से अधिक सक्षम बनाने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधान मंत्री विश्वकर्मा योजना शुरू की है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक शिल्प की समृद्ध विरासत को संरक्षित करना और कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाना है.
PM Vishwakarma Yojana: केंद्र सरकार की ओर से प्रधान मंत्री विश्वकर्मा योजना की शुरुआत की गई है. यह योजना देश के कारीगरों और शिल्पकारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उनके कौशल को निखारने के उद्देश्य से शुरू की गई है. योजना के तहत कारीगरों को प्रशिक्षण, आर्थिक सहायता, और व्यवसाय विस्तार के लिए सस्ती दरों पर ऋण दिया जाएगा.
इस योजना का मुख्य उद्देश्य पारंपरिक शिल्प की समृद्ध विरासत को संरक्षित करना और कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाना है. योजना को पांच वर्षों (2027-28 तक) के लिए लागू किया गया है, जिसके लिए केंद्र सरकार ने 13,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है.
योजना के लाभ
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों को उनके कौशल में सुधार करने के लिए बेसिक और एडवांस प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. प्रशिक्षण के दौरान उन्हें 500 रुपये प्रतिदिन का स्टाइपेंड मिलेगा. इसके अलावा, टूलकिट खरीदने के लिए 15,000 रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी.
5% ब्याज दर पर मिलेगा लोन
योजना के तहत कारीगरों को बिना गारंटी के 3 लाख रुपये तक का ऋण 5% ब्याज दर पर मिलेगा. पहले चरण में 1 लाख रुपये का लोन दिया जाएगा. इसे 18 महीने के भीतर चुकाने के बाद कारीगर अतिरिक्त 2 लाख रुपये का लोन प्राप्त करने के पात्र होंगे.
कैसे करें अप्लाई?
कारीगर पीएम विश्वकर्मा ऐप या आधिकारिक पोर्टल pmvishwakarma.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा, वे निकटतम कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर भी पंजीकरण कर सकते हैं. आवेदन के लिए आधार कार्ड, पहचान पत्र, निवास प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, और पासपोर्ट साइज फोटो जैसे दस्तावेज़ आवश्यक हैं.
कौन कर सकता है अप्लाई?
इस योजना का लाभ केवल भारतीय नागरिकों को मिलेगा, जिनकी आयु 18 वर्ष या उससे अधिक है और जो पहले से अन्य सरकारी योजनाओं (PMEGP, PM SVANidhi, मुद्रा लोन) का लाभ नहीं ले रहे हैं. प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का लाभ बढ़ई, लोहार, सुनार, नाई, धोबी, मूर्तिकार, नाव निर्माता, और अन्य 18 पारंपरिक व्यवसायों से जुड़े कारीगरों को मिलेगा. इस योजना के माध्यम से कारीगरों को न केवल आर्थिक मदद मिलेगी, बल्कि वे अपने कौशल और व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकेंगे.