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भारत की राष्ट्र भाषा क्या है? जब डीएमके सांसद कनिमोझी ने दिया ऐसा जवाब, तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा हॉल

डीएमके सांसद कनिमोझी ने स्पेन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि “भारत की राष्ट्रीय भाषा उसकी एकता और विविधता है.” यह बयान भारत के संवैधानिक ढांचे की पुष्टि करता है, जो बहुभाषिक और समावेशी है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद यह दौरा भारत की वैश्विक पहुंच को मजबूत करने और विविधता को विश्व मंच पर प्रस्तुत करने का प्रयास है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

डीएमके सांसद कनिमोझी करुणानिधि ने स्पेन के मैड्रिड शहर में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए भारत की राष्ट्रीय पहचान और बहुभाषी संस्कृति पर बल दिया. वह एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रही थीं, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत की वैश्विक कूटनीतिक पहुंच को मजबूत करने के प्रयास का हिस्सा है. अपने भाषण में उन्होंने भारत की सांस्कृतिक विविधता को राष्ट्रीय एकता की असली ताकत बताया.

'भारत की राष्ट्रीय भाषा - एकता और विविधता'

जब एक श्रोता ने उनसे पूछा कि भारत की "राष्ट्रीय भाषा" क्या है, तो कनिमोझी ने बिना किसी संकोच के कहा, “भारत की राष्ट्रीय भाषा एकता और विविधता है.” उनके इस बयान पर वहां मौजूद प्रवासी भारतीयों ने जोरदार तालियों के साथ समर्थन व्यक्त किया. उन्होंने आगे कहा कि यह प्रतिनिधिमंडल यही संदेश दुनिया को देने आया है, और यही आज के समय में सबसे जरूरी बात है.

संवैधानिक मूल्यों का समर्थन

कनिमोझी का यह बयान भारतीय संविधान की भावना के अनुरूप है, जिसमें किसी एक भाषा को ‘राष्ट्रीय भाषा’ के रूप में घोषित नहीं किया गया है. संविधान की आठवीं अनुसूची के तहत भारत में 22 आधिकारिक भाषाओं को मान्यता दी गई है. उनके वक्तव्य ने यह स्पष्ट किया कि भारत की ताकत उसकी बहुलता में निहित है, न कि एकरूपता में.

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि निर्माण का प्रयास

इस प्रतिनिधिमंडल का मकसद विदेशों में भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं, आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति और समावेशी दृष्टिकोण को प्रमुखता देना है. कनिमोझी ने अपने भाषण में कहा, “हमारे देश में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है, लेकिन दुर्भाग्य से हमारा ध्यान युद्ध और आतंकवाद जैसी अनावश्यक चीजों की ओर मोड़ा जा रहा है.”

कूटनीतिक दौरे का अंतिम चरण

इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के पांच देशों के दौरे का स्पेन अंतिम पड़ाव था. इस प्रतिनिधिमंडल में सभी प्रमुख दलों के सांसद शामिल थे, जिनमें समाजवादी पार्टी के राजीव कुमार राय, भाजपा के बृजेश चौटा, आम आदमी पार्टी के अशोक मित्तल, राष्ट्रीय जनता दल के प्रेम चंद गुप्ता और भारत के पूर्व राजनयिक मंजीव सिंह पुरी शामिल थे.

विश्व मंच पर विविधता का संदेश

इस दौरे का मुख्य उद्देश्य था – भारत की सशक्त बहुलतावादी छवि को विश्व समुदाय के सामने प्रस्तुत करना, जो न केवल भाषा और संस्कृति में विविध है, बल्कि एक लोकतांत्रिक और समावेशी राष्ट्र के रूप में भी अग्रणी है. कनिमोझी के नेतृत्व में यह प्रतिनिधिमंडल भारत की इस विशेषता को दुनिया के सामने रखने में सफल रहा.

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03 June 2025, 05:13 PM IST

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