जब बजता है खतरे का सायरन तो खतरा... जानिए ड्रोन या मिसाइल हमले से पहले कब और क्यों बजती है ये तेज़ आवाज

जंग हो या कोई बड़ा हमला, उससे पहले बजता है एक खास सायरन – जिसे कहते हैं एयर रेड सायरन. ये सायरन कब और क्यों बजता है, कितनी देर पहले चेतावनी देता है और तब आपको क्या करना चाहिए – जानिए इस रिपोर्ट में एक-एक बात साफ और आसान भाषा में.

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Edited By: Aprajita

Siren Alert: जब किसी देश पर हवाई हमला होने वाला होता है, जैसे ड्रोन या मिसाइल से, तो उससे कुछ ही पल पहले एक तेज़ आवाज़ वाला सायरन बजता है जिसे एयर रेड सायरन कहते हैं. इस सायरन का मकसद होता है आम लोगों को तुरंत चेतावनी देना, ताकि वो समय रहते सुरक्षित जगह पर पहुंच सकें. लेकिन ये सवाल भी उठता है कि आखिर ये सायरन कब और कितनी देर पहले बजता है? और इसका सही मतलब क्या है?

कब बजता है एयर रेड सायरन?

एयर रेड सायरन दरअसल एक अलार्म सिस्टम होता है जो दुश्मन के हमले की आहट मिलते ही जोर-जोर से बजने लगता है. इसकी आवाज़ इतनी तेज होती है कि सोते हुए इंसान की भी नींद टूट जाए. ये सायरन हमला होने से करीब 15 से 60 सेकंड पहले बज सकता है और इसकी आवाज़ एक मिनट तक लगातार सुनाई दे सकती है. इसका समय इस बात पर निर्भर करता है कि देश का रडार और चेतावनी प्रणाली कितनी उन्नत है.

सिर्फ युद्ध नहीं, आपदा में भी बजता है सायरन

ध्यान देने वाली बात यह है कि यह सायरन सिर्फ युद्ध के वक्त नहीं बजता, बल्कि भूकंप, बाढ़, सुनामी जैसी प्राकृतिक आपदाओं में भी बजाया जा सकता है. भारत में हाल ही में एक मॉक ड्रिल के दौरान ऐसे सायरन का उपयोग किया गया, ताकि लोगों को अभ्यास के तौर पर सिखाया जा सके कि खतरे की स्थिति में उन्हें क्या करना है.

क्यों बजाया जाता है ये सायरन?

इस सायरन का एकमात्र उद्देश्य होता है जान-माल की हानि को कम करना. जैसे ही दुश्मन का मिसाइल या ड्रोन रडार की पकड़ में आता है, उस इलाके में तुरंत सायरन बजा दिया जाता है.
कुछ देश, जैसे इज़रायल, इस तकनीक में बहुत आगे हैं और उनके पास रेड कोड अलर्ट सिस्टम है, जो खतरे को पहले ही भांप लेता है.

क्या करें जब बजे खतरे का सायरन?

  • घबराएं नहीं, शांत रहें और स्थिति को समझें.
  • सुरक्षित स्थान के तौर पर पास के बंकर, शेल्टर या कोई मजबूत इमारत में जाएं.
  • अगर घर में हैं तो नीची मंजिल पर जाएं और खिड़की-कांच से दूर रहें.
  • बिजली और गैस के सभी उपकरण बंद कर दें.
  • बुजुर्गों और बच्चों की मदद करें.
  • बाहर हों और कोई शेल्टर न मिले तो जमीन पर लेट जाएं और सिर को हाथों से ढक लें.

तैयार रहें, सतर्क रहें

एयर रेड सायरन किसी भी देश की सुरक्षा प्रणाली का एक अहम हिस्सा है. यह आम लोगों को समय रहते चेतावनी देता है ताकि वो खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित कर सकें. आने वाले समय में, ऐसे अलर्ट सिस्टम और भी ज़्यादा स्मार्ट और तेज़ होते जा रहे हैं.

अगर आपने सायरन की आवाज़ कभी सुनी है या भविष्य में सुनें तो समझ जाएं – ये कोई मामूली घंटी नहीं, ये जिंदगी बचाने वाली चेतावनी है.

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09 May 2025, 11:31 AM IST

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