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कहां हैं जगदीप धनखड़, नहीं हो पा रहा संपर्क, देश को चिंता... कपिल सिब्बल ने अमित शाह से पूछा सवाल

भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे के बाद उनकी रहस्यमयी चुप्पी चर्चा का विषय बन गई है. राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने उनकी अनुपस्थिति पर सवाल उठाते हुए पूछा कि वे कहां हैं और क्या सुरक्षित हैं. इस्तीफे के समय स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया गया था, लेकिन उसके बाद से उनकी कोई सार्वजनिक उपस्थिति नहीं देखी गई, जिससे चिंता और संदेह गहराता जा रहा है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

New Delhi : भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे और फिर सार्वजनिक जीवन से गायब हो जाने से राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. 21 जुलाई 2025 को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत के दिन उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए राष्ट्रपति को अपना इस्तीफा सौंपा था. उस दिन उन्होंने राज्यसभा की कार्यवाही में भी भाग लिया था, लेकिन इसके बाद से वह पूरी तरह सार्वजनिक दृष्टि से ओझल हैं.

कपिल सिब्बल ने उठाए सवाल

आपको बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने इस चुप्पी पर सवाल उठाते हुए सोशल मीडिया पर पूछा कि “धनखड़ कहां हैं? क्या वह सुरक्षित हैं?” उन्होंने यह भी कहा कि गृह मंत्री अमित शाह को इस पर जवाब देना चाहिए, क्योंकि यह सिर्फ किसी व्यक्ति की अनुपस्थिति नहीं, बल्कि संवैधानिक पद पर रहे व्यक्ति से जुड़ा मामला है. सिब्बल ने यह भी जोड़ा कि देश की जनता को उनके हालात की जानकारी होनी चाहिए.


सत्ता पक्ष की चुप्पी और विपक्ष की चिंता
जहां सरकार और सत्तारूढ़ दल इस पूरे घटनाक्रम पर अब तक चुप हैं, वहीं विपक्ष ने इसे एक "रहस्यमयी गुमनामी" करार दिया है. न तो धनखड़ की ओर से कोई बयान सामने आया है और न ही सरकार ने उनकी स्थिति स्पष्ट की है. इस चुप्पी ने संदेह और अटकलों को और हवा दे दी है.

संवैधानिक चिंता और सार्वजनिक चिंता
धनखड़ को एक राष्ट्रभक्त और राष्ट्रवादी कहने वाले सिब्बल ने भी उनके अचानक से गायब हो जाने को असामान्य माना है. देश में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या वाकई स्वास्थ्य कारणों से ही उन्होंने इस्तीफा दिया या इसके पीछे कोई और वजह थी. जनता, मीडिया और राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें अब सरकार पर टिकी हैं कि वह कब इस रहस्य से पर्दा उठाएगी. इस पूरे मामले ने एक संवैधानिक पद से जुड़ी पारदर्शिता की मांग को फिर से केंद्र में ला दिया है, जहां न केवल विपक्ष बल्कि आम नागरिक भी पूर्व उपराष्ट्रपति की स्थिति को लेकर स्पष्टता चाहते हैं.

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09 August 2025, 03:09 PM IST

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