किस सांसद के दवाब में थी महिला सांसद? सुसाइड नोट में 2 पीए के भी नाम शामिल...हुए कई चौंकाने वाले खुलासे
महाराष्ट्र के सतारा जिले में 29 वर्षीय महिला डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली. सुसाइड नोट में उसने पुलिस अधिकारी गोपाल बदने पर बलात्कार और मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए. सांसद के सहायकों पर भी दबाव डालने का जिक्र है. आरोपी अधिकारी निलंबित है और जांच जारी है.

सताराः महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक महिला डॉक्टर द्वारा आत्महत्या किए जाने से पूरे राज्य में हड़कंप मच गया है. फलटन उप-जिला अस्पताल में कार्यरत इस 26 वर्षीय डॉक्टर ने गुरुवार देर रात अपने कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी. मौत से पहले उसने चार पेज का सुसाइड नोट छोड़ा, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं.
सुसाइड नोट में क्या था?
सुसाइड नोट में डॉक्टर ने एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदने पर चार बार बलात्कार का आरोप लगाया है. उसने लिखा कि पिछले पांच महीनों से उसे लगातार शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था. आरोपी अधिकारी उस पर कई बार फर्जी फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने का दबाव डालता था, ताकि पुलिस मामलों में गिरफ्तार आरोपियों को राहत मिल सके.
डॉक्टर ने यह भी लिखा कि जब उसने इनकार किया, तो उसे धमकाया गया और मानसिक रूप से परेशान किया गया. सुसाइड नोट में यह तक लिखा था कि कुछ मामलों में एक सांसद और उनके दो निजी सहायकों ने भी फर्जी सर्टिफिकेट देने का दबाव बनाया.
सांसद के सहायकों पर भी लगे आरोप
डॉक्टर के नोट के मुताबिक, एक बार जब उसने फर्जी सर्टिफिकेट देने से मना किया, तो सांसद के दो पीए अस्पताल में घुस आए और सांसद से फोन पर बात कराई. फोन पर सांसद ने उसे परोक्ष रूप से धमकाया था. हालांकि, पुलिस ने अभी तक उस सांसद के नाम का खुलासा नहीं किया है.
बॉन्ड अवधि पूरी होने से पहले ही खत्म हुआ जीवन
मृतक डॉक्टर फलटन उप-जिला अस्पताल में पिछले 23 महीनों से कार्यरत थीं. उनकी बॉन्ड अवधि पूरी होने में केवल एक महीना बाकी था, जिसके बाद वे स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वाली थीं. चचेरे भाई के अनुसार, डॉक्टर ने कई बार अपनी सुरक्षा को लेकर शिकायत की थी, लेकिन पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया.
परिवार का कहना है कि डॉक्टर ने सतारा के एसपी और डीएसपी को लिखित रूप में शिकायत की थी, जिसमें उन्होंने सवाल किया था कि यदि उनके साथ कुछ अनहोनी होती है, तो उसकी जिम्मेदारी किसकी होगी. इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई.
पुलिस अधिकारी निलंबित, जांच जारी
मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी सब-इंस्पेक्टर गोपाल बदने और एक अन्य व्यक्ति बांकर के खिलाफ बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है. आरोपी पुलिस अधिकारी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
कोल्हापुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुनील फुलारी ने बताया कि जांच तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है और सुसाइड नोट में दर्ज सभी नामों और घटनाओं की सच्चाई की जांच की जाएगी.
कार्रवाई की मांग
इस घटना के बाद डॉक्टरों में आक्रोश फैल गया है. महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग और महिला संगठनों ने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है. सोशल मीडिया पर लोग डॉक्टर के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं और पुलिस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग पर सवाल उठा रहे हैं.


