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संसद में राहुल गांधी ने बीजेपी नेता से मिलाया हाथ, कहा- कांग्रेस-BJP के बीच ये अनकॉमन हैंडशेक

संसद भवन में आज कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बीजेपी सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी से मुलाकात कर उन्हें जीत की बधाई दी. इसके बाद रूडी ने राहुल गांधी को “थैंक्स” कहा.

Suraj Mishra
Edited By: Suraj Mishra

संसद भवन में बुधवार को एक दिलचस्प दृश्य देखने को मिला जब कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बीजेपी सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी से मुलाकात कर उन्हें जीत की बधाई दी. यह मुलाकात उस समय हुई जब विपक्ष बिहार की मतदाता सूची और विशेष पुनरीक्षण को लेकर सदन में विरोध दर्ज करा रहा था.

राहुल गांधी जैसे ही रूडी से मिले, उन्होंने गर्मजोशी से हाथ मिलाया और इस मौके को “अनकॉमन हैंडशेक” बताते हुए सबका ध्यान आकर्षित किया. बाद में मीडिया से बातचीत में उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा कि “कांग्रेस और बीजेपी के बीच एक अनकॉमन हैंडशेक. वैसे, बधाई हो.” इस पर रूडी ने मुस्कुराकर जवाब दिया, “थैंक्स.”

रूडी की बड़ी जीत

हाल ही में आयोजित चुनाव में राजीव प्रताप रूडी ने कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया के सेक्रेटरी (एडमिनिस्ट्रेशन) पद पर शानदार जीत दर्ज की. खास बात यह रही कि यह मुकाबला बीजेपी बनाम बीजेपी रहा, जिसमें रूडी ने अपनी ही पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान को मात दी. चुनाव को क्लब के इतिहास के सबसे रोचक और हाई-वोल्टेज मुकाबलों में गिना जा रहा है.

विपक्ष का समर्थन

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस जीत में रूडी को विपक्षी सांसदों का विशेष समर्थन मिला, जिसने उनकी जीत को और मजबूत किया. हालांकि, रूडी और बालियान दोनों ने ही इस चुनाव को पार्टी राजनीति से जोड़कर देखने से इनकार किया और इसे आंतरिक लोकतांत्रिक प्रक्रिया बताया.

बड़े नेताओं की भागीदारी

इस चुनाव में भारी संख्या में मतदान हुआ. क्लब के कुल 1,295 सदस्यों में से 707 ने वोट डाले. इनमें कई बड़े नेता शामिल रहे. गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पूर्व यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी समेत कई केंद्रीय मंत्री और विपक्षी नेता भी वोटिंग के लिए पहुंचे.

नतीजों के बीच राजनीतिक हलचल

रूडी की जीत और राहुल गांधी का अनोखा बधाई संदेश संसद की चर्चाओं का केंद्र बन गया. इसे संसद के भीतर की तीखी राजनीति से अलग एक सहज क्षण माना गया, जिसने यह संदेश दिया कि राजनीतिक मतभेदों के बीच भी व्यक्तिगत संबंध और आपसी सद्भाव की गुंजाइश हमेशा रहती है.

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20 August 2025, 02:02 PM IST

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