36 कमरे, आलीशान सीढ़िया...कौन थे निजाम उस्मान अली खान, जिन्होंने बनवाया था हैदराबाद हाउस ? जहां राष्ट्रपति पुतिन की हो रही मेजबानी
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का दो दिवसीय भारत दौरा राजनीतिक और कूटनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. पीएम मोदी के साथ उनकी मुलाकातें रक्षा, ऊर्जा और व्यापारिक सहयोग को मजबूती देने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही हैं.

नई दिल्ली : 4 दिसंबर की शाम से दिल्ली की व्यस्त सड़कों पर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का काफिला लगातार घूम रहा है. एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें निजी रात्रिभोज के लिए अपने आवास ले गए. इसके अगले ही दिन पुतिन को राष्ट्रपति भवन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और फिर उन्होंने राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की. अब उनकी भारत-रूस शिखर वार्ता हैदराबाद हाउस में हो रही है, जहां रक्षा सहयोग, ऊर्जा, व्यापार और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की उम्मीद है. लेकिन इस दौरे की सबसे रोचक बात यह है कि यह वार्ता उस ऐतिहासिक इमारत में हो रही है, जो कभी हैदराबाद के आखिरी निजाम की शाही पहचान हुआ करती थी.
हैदराबाद हाउस, शानो-शौकत और सादगी का अद्भुत मेल
दिल्ली में हैदराबाद हाउस बनवाने की वजह
निजाम ने दिल्ली में हैदराबाद हाउस इसलिए बनवाया ताकि राजधानी में उनके राजनयिक संबंधों और आधिकारिक कार्यक्रमों के लिए एक भव्य स्थान हो. उस दौर में देश के रियासतों के राजा दिल्ली में अपनी उपस्थिति मजबूत दिखाने के लिए आकर्षक आवास बनवाते थे. निज़ाम भी चाहते थे कि जब वे दिल्ली आएं, तो उनके पास एक ऐसा महलनुमा घर हो जो उनकी रियासत की प्रतिष्ठा को दिखाए. यही कारण है कि यह भवन एक शाही महल जैसा बनाया गया, जिसमें उनकी शान और हैदराबाद की पहचान साफ झलकती है.
हैदराबाद हाउस की अनोखी बनावट
हैदराबाद हाउस का डिजाइन प्रसिद्ध ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस ने तैयार किया था, जिन्होंने राष्ट्रपति भवन और भारत की संसद जैसी प्रतिष्ठित इमारतों की रचना की. यह इमारत गोलाकार संरचना वाली है और इसमें इंडो-सारासेनिक शैली का मिश्रण दिखाई देता है एक ऐसी शैली जिसमें भारतीय और यूरोपीय वास्तुकला का सुंदर मेल शामिल है. अंदर विशाल दरबार हॉल, शाही कमरों और आकर्षक मीटिंग स्पेस की व्यवस्था की गई थी. अपनी सुंदरता और अनोखी विरासत के कारण यह भवन दिल्ली की प्रमुख ऐतिहासिक इमारतों में गिना जाता है.
हैदराबाद हाउस भारत का कूटनीतिक स्थल
आज हैदराबाद हाउस भारत सरकार का प्रमुख कूटनीतिक स्थल बन चुका है. दुनिया के कई देशों के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और उच्चस्तरीय प्रतिनिधि जब भारत आते हैं, तो उनकी महत्वपूर्ण बैठकें इसी भवन में होती हैं. भारत-अमेरिका, भारत-रूस, भारत-जापान से लेकर कई बड़े अंतरराष्ट्रीय समझौते यहीं तय किए जाते हैं. एक समय का निज़ाम का निजी महल अब भारत की आधुनिक विदेश नीति और वैश्विक संबंधों का प्रमुख मंच बन गया है.


