कौन थे सुहास शेट्टी? जिसकी बेरहम हत्या के बाद हाई अलर्ट पर मंगलुरु
कर्नाटक के मंगलुरु में बजरंग दल के पूर्व सदस्य और फाज़िल हत्याकांड के मुख्य आरोपी सुहास शेट्टी की हत्या ने पूरे दक्षिण कन्नड़ में तनाव बढ़ा दिया, जिसके बाद कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाए गए और कई संगठनों ने बंद का आह्वान किया.

कर्नाटक के तटीय इलाके मंगलुरु में उस समय तनाव बढ़ गया जब बजरंग दल के पूर्व सदस्य और फाज़िल हत्याकांड का मुख्य आरोपी सुहास शेट्टी अज्ञात हमलावरों के एक बर्बर हमले में मारा गया. इस सनसनीखेज वारदात ने पूरे दक्षिण कन्नड़ जिले में आक्रोश फैला दिया है, जिसके चलते पुलिस को कर्फ्यू जैसे आदेश लागू करने पड़े हैं. वहीं, कई राजनीतिक दलों ने इस हत्या की जांच केंद्रीय एजेंसियों से कराने की मांग उठाई है.
गुरुवार रात हुए इस हमले के बाद इलाके में ना केवल सार्वजनिक गतिविधियों पर रोक लगी है, बल्कि पूरे जिले में सुरक्षा बलों को अलर्ट पर रखा गया है. विश्व हिंदू परिषद और अन्य हिंदू संगठनों ने शुक्रवार को बंद का आह्वान किया, जिससे कई क्षेत्रों में सामान्य जनजीवन ठप हो गया.
तलवारों और धारदार हथियारों से हमला
पुलिस के मुताबिक, ये हमला गुरुवार रात करीब 8:27 बजे किन्नीपदावु इलाके में हुआ, जब सुहास शेट्टी 5 अन्य लोगों के साथ कार में यात्रा कर रहे थे. इसी दौरान 2 गाड़ियों ने उनकी कार को घेर लिया और उनमें सवार 5 से 6 हमलावरों ने तलवारों और धारदार हथियारों से जानलेवा हमला कर दिया. गंभीर रूप से घायल सुहास को तत्काल एजे हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इस मामले में बाजपे थाना क्षेत्र में केस दर्ज कर लिया गया है और हत्यारों की तलाश में कई टीमें गठित की गई हैं.
फाज़िल हत्याकांड से जुड़ा था नाम
42 साल के सुहास शेट्टी कर्नाटक की तटीय राजनीति का एक विवादास्पद चेहरा था. वो लंबे समय तक हिंदुत्व संगठनों से जुड़ा रहा, विशेषकर बजरंग दल से. उस पर कुल 5 आपराधिक मामले दर्ज थे- एक दक्षिण कन्नड़ में और चार मंगलुरु शहर में.
वो साल 2022 में तब सुर्खियों में आया जब उसे 23 साल के मुस्लिम युवक मोहम्मद फाज़िल की हत्या के प्रमुख आरोपियों में शामिल किया गया. ये हत्या उस समय हुई थी जब दो दिन पहले ही बीजेपी युवा नेता प्रवीण नेट्टारु की सुलिया में हत्या हुई थी. फाज़िल की हत्या को प्रतिशोध की कार्रवाई के रूप में देखा गया, जिसने कर्नाटक के तटीय इलाकों में सांप्रदायिक तनाव को और गहरा कर दिया था.
कर्फ्यू जैसे हालात, धारा 163 के तहत प्रतिबंध
सुहास शेट्टी की हत्या के बाद मंगलुरु पुलिस आयुक्त अनुपम अग्रवाल ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) की धारा 163 के तहत कड़े प्रतिबंध लागू कर दिए हैं. इस आदेश के तहत सार्वजनिक सभाओं, विरोध प्रदर्शन और भड़काऊ सामग्री के प्रसार पर पूरी तरह से रोक रहेगी. ये प्रतिबंध आगामी 6 मई तक प्रभावी रहेंगे.
बंद और पथराव, बस सेवाएं ठप
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल सहित कई संगठनों ने डक्षिण कन्नड़ जिले में बंद का ऐलान किया. हम्पनकट्टा, सूरतकल, उल्लाल और पुत्तूर जैसे क्षेत्रों में दुकानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों और स्कूलों को बंद रखा गया. कई इलाकों से केएसआरटीसी और निजी बसों पर पथराव की खबरें आई, जिसके चलते परिवहन सेवाओं को अस्थाई रूप से रोकना पड़ा. पुलिस की सिफारिश के बाद संवेदनशील क्षेत्रों में शराब की बिक्री पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है.
जांच की मांग, सियासत गर्म
इस हत्याकांड ने ना सिर्फ सामाजिक तनाव को बढ़ाया है, बल्कि सियासी हलकों में भी तूफान खड़ा कर दिया है. कई राजनीतिक नेताओं ने इस मामले की जांच एनआईए या सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों से कराने की मांग की है. वहीं, स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों का कहना है कि स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और किसी को भी कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी.


