पुराने विमान, टॉयलेट जाम... क्यों एयर इंडिया की फ्लाइट के शौचालय में बार-बार आ रही ये समस्या?
हालहीं में एयर इंडिया की फ्लाइट में शौचालय जाम होने की समस्या सामने आई, जिस वजह से उड़ान को वापस लौटना पड़ा. ऐसे में पुराने विमानों की जर्जर पाइपलाइनें और यात्रियों की लापरवाही इस समस्या की मुख्य वजह हैं, क्योंकि शौचालयों में प्लास्टिक बैग, कपड़े और अन्य वस्तुएं फेंक दी जाती हैं.

एयर इंडिया की उड़ानों में शौचालय जाम होने की समस्या कोई नई बात नहीं है. सरकार से टाटा ग्रुप के अधिग्रहण के बाद भी ये समस्या बनी हुई है. हाल ही में, शिकागो से दिल्ली आने वाली फ्लाइट को 10 में से 8 शौचालयों के जाम होने के कारण वापस लौटना पड़ा. ये पहली बार नहीं हुआ है; इससे पहले भी यूरोप और अमेरिका जाने वाली कई उड़ानों को इसी वजह से रास्ते में ही वापस लौटना पड़ा है.
एयर इंडिया की लंबे रूट वाली उड़ानों में सफाई कर्मियों को अक्सर शौचालयों के अवरुद्ध होने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इन शौचालयों में यात्री मोज़े, प्लास्टिक बैग, अंडरवियर, तौलिये और यहां तक कि छोटे तकिए तक फेंक देते हैं. साफ निर्देश होने के बावजूद यात्री गैर-जरूरी वस्तुएं फ्लश कर देते हैं, जिससे ये समस्या लगातार बढ़ती जा रही है.
क्यों जाम हो जाते हैं शौचालय?
एयर इंडिया की नॉर्थ अमेरिका नॉन-स्टॉप फ्लाइट्स में इस्तेमाल होने वाले बोइंग 777 विमान काफी पुराने हो चुके हैं. इन विमानों की पाइपलाइनें समय के साथ संकरी हो गई हैं, जिससे शौचालयों का वेस्ट सही तरीके से नहीं निकल पाता. एक इंजीनियर के मुताबिक, ये विमान बहुत पुराने हैं और इनकी पाइपलाइनें अंदर से जमी हुई हैं, जिससे शौचालयों में फंसी बाहरी वस्तुएं तुरंत उन्हें जाम कर देती हैं.
कई फ्लाइट्स को करना पड़ा डायवर्ट
रात के समय यूरोपीय हवाई अड्डों पर लैंडिंग प्रतिबंधों के कारण, एयर इंडिया की कई उड़ानें या तो भारत लौट आई या फिर अमेरिका और यूरोप के अन्य हवाई अड्डों की ओर डायवर्ट कर दी गई. एक वरिष्ठ इंजीनियर ने बताया कि एक बोइंग 777 में दो वेस्ट टैंक होते हैं. अगर किसी शौचालय से वेस्ट टैंक तक जाने वाली पाइपलाइन अवरुद्ध हो जाती है, तो सभी जुड़े हुए शौचालय काम करना बंद कर देते हैं.
यात्रियों की लापरवाही, सबसे बड़ी समस्या
हाल ही में, एयर इंडिया की फ्लाइट AI 126 को शिकागो से दिल्ली के लिए उड़ान भरने के बाद वापस लौटना पड़ा क्योंकि 8 शौचालय जाम हो गए थे. एयर इंडिया के अनुसार, "हमारी टीमों को शौचालयों में प्लास्टिक बैग, कपड़े और अन्य अवांछित वस्तुएं मिलीं, जिससे पाइपलाइनें जाम हो गईं. इससे पहले भी हमारे स्टाफ को कंबल, डायपर और अंडरवियर जैसी वस्तुएं शौचालय में फेंकी हुई मिली हैं. हम यात्रियों से अनुरोध करते हैं कि शौचालयों का सही उपयोग करें."
क्या बाकी एयरलाइंस भी इसी समस्या से जूझ रही?
अन्य अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस ने स्वीकार किया है कि ये समस्या कभी-कभी होती है, लेकिन इतनी गंभीर नहीं होती कि उड़ान को डायवर्ट करना पड़े. एक विदेशी एयरलाइन के अधिकारी ने कहा कि ये बहुत ही दुर्लभ मामला है. अगर किसी फ्लाइट में उड़ान से पहले ही ये समस्या देखी जाती है, तो हम यात्रियों की संख्या कम कर उड़ान भरते हैं.
समस्या के समाधान के लिए सुझाए गए उपाय
फ्लाइट्स में हो रही इस समस्या को लेकर, एयरक्राफ्ट मेंटेनेंस इंजीनियरों ने एयर इंडिया को कुछ सुधारों की सलाह दी है. उनका मानना है कि छोटे शैम्पू और साबुन की बोतलों के बजाय बड़े डिस्पेंसर लगाए जाने चाहिए, क्योंकि यात्री अक्सर इन छोटी बोतलों को भी शौचालय में फ्लश कर देते हैं. इसके अलावा, दंत स्वच्छता किट को नियंत्रित तरीके से दिया जाना चाहिए.


