इस मुग़ल बादशाह ने अपनी ही बेटी से क्यों किया था निकाह? पढ़िए किस्सा
Mughal History: भारत में मुगलों के इतिहास को जानने की हर किसी को इच्छा रहती है. मुगलों से जुड़ी कई कहानियां भी सामने आती रहती हैं. आज हम आपके लिए लेकर आए हैं ऐसे राजा की कहानी जिसने अपनी बेटी से ही शादी कर ली थी.

Mughal History: मुगलों के हरम की कहनियां, उनके शौक. बेशुमार दौलत, अय्याशी के किस्से तो सभी ने सुने होंगे. आज हम आपको बताएंगे कि क्यों एक शहंशाह को अपनी ही बेटी से निकाह करने की जरूरत पड़ गई थी. मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी पत्नी की मौत के बाद अपनी बेटी जहांआरा से ही निकाह कर लिया था. शाहजहां की ऐसी क्या वजह थी कि उसको अपनी ही बेटी से निकाह करने की जरूरत पड़ गई.
बेटी से क्यों किया निकाह?
शाहजहां की पत्नी का नाम मुमताज था, मुमताज और शाहजहां की मुहब्बत के चर्चे तो पूरी दुनिया में हैं. उनके प्यार की निशानी के तौर पर ताजमहल बना हुआ है, जिसको देखने के लिए दुनियाभर से लोग आते हैं. मुमताज और शाहजहां के कुल 14 बच्चे थे. इतिहास के मुताबिक, 17 जून 1631 को मुमताज ने 14 वें बच्चे को जन्म दिया, इस दौरान उनकी मौत हो गई. शाहजहां अपनी बेगम से बेइंतेहा मुहब्बत करता था अब उसके बिना कैसे रहता? शाहजहां की एक बेटी थी जहांआरा जिसकी उम्र उस वक्त 17 साल थी, उसकी शक्ल अपनी मां मुमताज से मिलती थी.
मुमताज जैसी दिखती थी जहांआरा
जहांआरा शाहजहां को बिल्कुल मुमताज की तरह दिखती थी. इसलिए जब भी वह अपनी बेटी को देखते थे तो उन्हें अपनी पत्नी मुमताज की याद आ जाती थी. यही कारण है कि उन्होंने जहांआरा का निकाह किसी और से नहीं होने दिया और खिद उससे निकाह कर लिया. कहा जाता है कि वो अपनी बेटी से इतना प्यार करता था कि उसको हमेशा पर्दे के पीछे रखता था. इसकी रखवाली के लिए पुरुषों के बजाय महिलाओं और किन्नरों को रखा हुआ था. ऐसे में कुछ इतिहासकार इसको महज एक काल्पनिक कहानी मानते हैं.
जहांआरा ने नहीं किया विरोध
कहा जाता है कि जहांआरा जानती थी कि उसके पिता को उसकी मां से कितनी मुहब्बत थी,वो उनको परेशान नहीं देख सकती थी जिसकी वजह से वो इस शादी के लिए राजी हो गई. जहांआरा ने इस शादी का विरोध नहीं किया, जबकि कुछ इतिहासकारों का कहना है कि पिता-बेटी के प्यार को देखकर कुछ लोगों ने ऐसी मनगढ़ंत कहानियां गढ़ी हैं.


