अपराधियों जैसा व्यवहार क्यों? प्रदूषण के खिलाफ इंडिया गेट पर प्रदर्शन, कई प्रदर्शनकारी हिरासत में...राहुल ने बोला हमला
दिल्ली में AQI 400 पार होने के बाद कार्यकर्ता और विपक्षी नेता इंडिया गेट पर प्रदूषण के खिलाफ प्रदर्शन करने पहुंचे. पुलिस ने जंतर-मंतर को अधिकृत स्थल बताते हुए कई लोगों को हिरासत में लिया.

नई दिल्लीः दिल्ली की हवा एक बार फिर गंभीर स्तर पर पहुंच गई है. राजधानी के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के पार दर्ज किया गया, जो सीधे तौर पर सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है. हालात बिगड़ने के साथ ही कार्यकर्ता, पर्यावरण समूह और विपक्षी दलों के नेता इंडिया गेट की ओर मार्च करते हुए सरकार से ठोस और प्रभावी नीतियों की मांग करने पहुंचे. उनका आग्रह था कि प्रदूषण की समस्या केवल अस्थायी उपायों से नहीं, बल्कि स्थायी समाधान से ही कम हो सकती है.
इंडिया गेट पर प्रदर्शन
प्रदर्शनकारियों के जुटने के तुरंत बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी. अधिकारियों का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार इंडिया गेट विरोध का निर्धारित स्थल नहीं है. उनकी दलील थी कि नई दिल्ली में किसी भी सार्वजनिक विरोध के लिए केवल जंतर-मंतर को अधिकृत स्थान माना गया है.
नई दिल्ली रेंज के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी देवेश कुमार महला ने कहा कि सभी प्रदर्शनकारियों को निर्देशों का पालन करने के लिए कहा गया, लेकिन कई लोग इंडिया गेट पर डटे रहे. लगभग आधे घंटे तक प्रदर्शन जारी रहने के बाद पुलिस ने उन्हें हटाना शुरू किया और कई को हिरासत में लिया. एक प्रदर्शनकारी ने आरोप लगाया कि शांतिपूर्ण विरोध की अनुमति नहीं दी जा रही थी और उन्हें बलपूर्वक क्षेत्र खाली करने को कहा जा रहा था.
#WATCH | Delhi Police detain people protesting at India Gate, demanding that the government formulate policies to curb air pollution in the National Capital region. pic.twitter.com/ZHXikfxFdw
— ANI (@ANI) November 9, 2025
शांतिपूर्ण विरोध के अधिकार पर सवाल
पुलिस कार्रवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण भी मौके पर मौजूद थे. उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना संविधान द्वारा प्रदत्त एक मौलिक अधिकार है और पुलिस की कार्रवाई अनुचित है. भूषण ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार को विरोध आवाज़ों को दबाने के बजाय समाधान निकालने पर ध्यान देना चाहिए.
प्रदूषण के अस्थायी समाधानों पर नाराजगी
कई प्रदर्शनकारियों ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए. उनका कहना था कि डेटा सेंटरों पर पानी छिड़कने या क्लाउड सीडिंग जैसे विकल्प केवल दिखावा हैं और प्रदूषण की जड़ तक नहीं पहुँचते. प्रदर्शन में शामिल एक व्यक्ति ने कहा कि लोग खुद भी समस्या को गंभीरता से नहीं ले रहे. बहुत से लोग केवल देखने आए, जबकि उन्हें भी इस मुद्दे पर आवाज उठानी चाहिए थी.
AAP और कांग्रेस का हमला
आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने माना कि प्रदूषण नई दिल्ली की पुरानी समस्या है, लेकिन उन्होंने केंद्र सरकार पर भरोसे की कमी और आंकड़ों में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया. उनका कहना था कि जब भी AQI बढ़ता है, कई मॉनिटरिंग स्टेशनों से आंकड़े अपडेट करना बंद कर दिए जाते हैं.
वहीं कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने हिरासत पर सवाल उठाते हुए कहा कि स्वच्छ हवा की मांग करने वाले नागरिकों को अपराधियों की तरह क्यों पकड़ा जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार को प्रदूषण की कोई परवाह नहीं है, जबकि इसका असर बच्चों और आम लोगों की सेहत पर गंभीर रूप से पड़ रहा है.


