दिल्ली में यमुना सफाई अभियान शुरू, नदी में उतरी बड़ी-बड़ी मशीनें...सरकार के गठन से पहले एक्शन में LG
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यमुना नदी की सफाई का वादा किया था और कहा था कि सबसे पहले इसका काम कराया जाएगा. इसको ध्यान में रखते हुए एलजी वीके सक्सेना ने इसपर काम भी शुरू कर दिया है. एलजी ने बताया कि पीएम ने जो वादा किया था उसपर काम शुरू भी हो गया है. बीते दिनों उन्होंने मुख्य सचिव से बात की थी और इसपर तेजी से काम करने को लेकर चर्चा की थी.

दिल्ली में विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों के बीच यमुना नदी की सफाई बड़ा चुनावी मुद्दा बना था. अब चुनाव खत्म हो गए हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) चुनाव जीत चुकी है, अभी दिल्ली में नई सरकार का गठन होना बाकी है. लेकिन यमुना नदी की सफाई का काम सरकार के अस्तित्व में आने से पहले ही हो गया है.
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यमुना नदी की सफाई का वादा किया था और कहा था कि सबसे पहले इसका काम कराया जाएगा. इसको ध्यान में रखते हुए एलजी वीके सक्सेना ने इसपर काम भी शुरू कर दिया है. एलजी ने बताया कि पीएम ने जो वादा किया था उसपर काम शुरू भी हो गया है. बीते दिनों उन्होंने मुख्य सचिव से बात की थी और इसपर तेजी से काम करने को लेकर चर्चा की थी.
अब देखा जा रहा है कि नदी में कचरा हटाने का काम तेजी से शुरू हो गया है, जिसमें ट्रैश स्किमर्स, वीड हार्वेस्टर्स और ड्रेज यूटिलिटी क्राफ्ट जैसी मशीनें सफाई के काम में जुटी हैं. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कल मुख्य सचिव और एसीएस (आई एंड एफसी) के साथ बैठक कर तुरंत काम शुरू करने का निर्देश दिया था.
यमुना की सफाई के लिए चार प्रमुख रणनीतियां तैयार की गई हैं
- पहली रणनीति में, यमुना नदी से कचरा, मलबा और गाद हटाई जाएगी. साथ ही, नजफगढ़ ड्रेन, सप्लीमेंटरी ड्रेन और अन्य प्रमुख नालों की सफाई का काम भी शुरू किया गया है.
- इसके साथ-साथ नजफगढ़ ड्रेन, सप्लीमेंट्री ड्रेन और अन्य बड़े नालों की सफाई भी शुरू की जाएगी.
- मौजूदा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स (STPs) की क्षमता और कामकाज की रोज़ निगरानी होगी, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे प्रभावी रूप से काम कर रहे हैं.
- चौथी रणनीति के अंतर्गत नई एसटीपी और डीएसटीपी के निर्माण के लिए एक समयबद्ध योजना तैयार की गई है, ताकि लगभग 400 एमजीडी गंदे पानी की वास्तविक कमी को पूरा किया जा सके.
हर हफ्ते होगी बैठक
इस अभियान को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड (DJB), सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग (I&FC), नगर निगम (MCD), पर्यावरण विभाग, लोक निर्माण विभाग (PWD) और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) सहित कई एजेंसियों को आपस में समन्वय बनाकर काम करना होगा. इन सभी कार्यों की निगरानी उच्च स्तर पर हर सप्ताह होगी. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) को भी निर्देश दिया गया है कि वह औद्योगिक इकाइयों से बिना शुद्ध किए नालों में गिराए जा रहे गंदे पानी पर सख्त निगरानी रखे.
यमुना की सफाई का पिछला प्रयास ठप क्यों हुआ?
दरअसल, जनवरी 2023 में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) ने उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति (HLC) बनाई थी, जिसने मिशन मोड में यमुना की सफाई का काम शुरू किया था. इस समिति की पांच बैठकें भी हुईं, जिनमें सफाई कार्य की प्रगति की बारीकी से समीक्षा की गई.
हालांकि, जुलाई 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी. इसके बाद, तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने 10 जुलाई 2023 को एनजीटी के आदेश पर रोक लगा दी. इसके बाद यमुना की सफाई से जुड़े सभी कार्य ठप हो गए.
3 साल में यमुना साफ करने का लक्ष्य
नतीजतन, यमुना के पानी की गुणवत्ता में जो सुधार हो रहा था, वह फिर से बिगड़ गया. केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (CoD) और बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (BoD) जैसे प्रदूषण के मानक रिकॉर्ड स्तर तक खराब हो गए, जिससे नदी का पानी और ज्यादा जहरीला हो गया. अब सरकार ने फिर से सफाई अभियान को तेज करने का फैसला किया है, ताकि अगले तीन साल में यमुना को स्वच्छ बनाया जा सके.


