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योग गुरु या व्यापारी ? मीडिया के सवाल पर भड़के बाबा रामदेव, बोले- मैं नेता नहीं लेकिन...

एक कार्यक्रम के दौरान योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि मैं कोई राजनीतिज्ञ नहीं हूं लेकिन देश के 5 से 10 करोड़ वोट को मोबिलाइज करने की ताकत रखता हूं. बाबा का कहना है कि देश के 100 करोड़ से ज्यादा लोगों तक उनकी पहुंच हैं, और यह सम्मान उन्होंने त्याग, तप और सेवा से हासिल किया है.

Utsav Singh
Edited By: Utsav Singh

नई दिल्ली : विश्व विख्यात योग गुरु स्वामी रामदेव ने एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में स्पष्ट किया कि वह किसी राजनीतिक दल से जुड़े नहीं हैं और न ही वे राजनीतिज्ञ हैं. इसके बावजूद उन्होंने कहा कि उनके पास देशहित में कम से कम 5 से 10 करोड़ लोगों के वोट को जुटाने की ताकत है. उनका कहना है कि देश के 100 करोड़ से अधिक लोग उनकी रीच में हैं और यह सम्मान उन्होंने तप, त्याग और सेवा से अर्जित किया है.

इस सवाल पर भड़के स्वामी रामदेव

आपको बता दें कि कार्यक्रम के दौरान उनसे पूछा गया कि आप अपने आप को बेहतर योग गुरु मानते हैं या सफल व्यवसायी. यह सवाल सुनकर स्वामी रामदेव भड़क गए और एंकर्स को डांट भी दी. उन्होंने स्पष्ट किया कि वे व्यापारी नहीं हैं और उनके पास न कोई बैंक बैलेंस है और न ही संपत्ति. 30 साल पहले जो दो कपड़े वे पहनते थे, आज भी वही पहनते हैं. उन्होंने कहा कि जो संन्यासी सुबह 3 बजे उठकर रात 10 बजे तक देश की सेवा करता है, उसे व्यापारी कहना पूरी तरह गलत है.

100 करोड़ से अधिक लोग सलाह को फॉलो करते हैं
स्वामी रामदेव ने कहा कि वे केवल योग और कर्मयोग करते हैं और इसी कारण लोग उन्हें सम्मान, ताकत और सामाजिक शक्ति देते हैं. उन्होंने बताया कि वे राजनीतिक पद के इच्छुक नहीं हैं, लेकिन देश में उनकी ताकत और रीच इतनी व्यापक है कि वे बड़े पैमाने पर लोगों को एकजुट कर सकते हैं. उनका दावा है कि देश के 100 करोड़ से अधिक लोग उनकी सलाह और जीवनशैली को फॉलो करते हैं, और यही उनकी सच्ची सामाजिक शक्ति है.

सेवा, त्याग और तप का सम्मान
स्वामी रामदेव ने कहा कि उनकी सफलता और सम्मान व्यापार से नहीं, बल्कि सेवा, तप और त्याग से प्राप्त हुआ है. उन्होंने आचार्य बालकृष्ण के साथ मिलकर कभी अपने लिए कुछ नहीं मांगा. उनके अनुसार, किसी की रीच या प्रभाव केवल व्यापार से नहीं, बल्कि तप और सेवा से प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि देश में बड़े व्यापारी जैसे अडानी, अंबानी, टाटा और बिड़ला तो प्रसिद्ध हैं, लेकिन उनके नाम का सम्मान और प्रभाव इतनी व्यापक नहीं है जितना कि तपस्वी जीवन से अर्जित होता है.

योग और कर्मयोग के माध्यम से समाज पर प्रभाव
अंत में स्वामी रामदेव ने जोर देकर कहा कि वे एक योगी और कर्मयोगी हैं, और उनके जीवन का उद्देश्य केवल देश और समाज की सेवा करना है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उनका राजनीतिक उद्देश्य नहीं है, लेकिन समाज पर उनका प्रभाव और देशहित में लोगों को जागरूक करने की शक्ति अत्यंत व्यापक है.

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12 December 2025, 06:30 PM IST

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