IMF ने पाकिस्तान को दिया 7 बिलियन डॉलर का पैकेज, पाक पर थोपी कई नई शर्तें
पाकिस्तान के आर्थिक संकट पर काबू पाने के लिए 7 अरब डॉलर के राहत पैकेज दिए जा रहे हैं. लेकिन अब IMF ने इस पैकेज पर 11 नई शर्तें लगा दी है.

नई दिल्ली: अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान के आर्थिक संकट पर काबू पाने के लिए दिए जा रहे 7 अरब डॉलर के राहत पैकेज पर 11 नई शर्तें लगा दी हैं. ये शर्तें भ्रष्टाचार रोकने, शासन में पारदर्शिता लाने और सरकारी विभागों में लीकेज की जांच पर केंद्रित हैं.
गुरुवार (11 दिसंबर) को 1.2 अरब डॉलर जारी करने के एक दिन बाद IMF की इस रिपोर्ट से पाकिस्तान पर दबाव बढ़ गया है. पिछले डेढ़ साल में कुल शर्तों की संख्या 64 हो चुकी है.
भ्रष्टाचार पर सख्ती की नई योजना
आईएमएफ ने पाकिस्तान से 10 मुख्य विभागों में भ्रष्टाचार के जोखिमों पर अंकुश लगाने के लिए कार्य योजना बनाने को कहा है. राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) को इसका नेतृत्व सौंपा गया है. अक्टूबर 2025 तक यह योजना प्रकाशित करनी होगी. प्रांतीय स्तर पर भ्रष्टाचार विरोधी संस्थाओं को मजबूत किया जाएगा, ताकि वे वित्तीय खुफिया जानकारी जुटा सकें और जांच कर सकें.
दिसंबर 2026 तक वरिष्ठ नौकरशाहों की संपत्ति का विवरण सरकारी वेबसाइट पर डालना अनिवार्य होगा. इससे आय और संपत्ति में गुणवत्ता का पता चलेगा. बैंकों को भी इन घोषणाओं तक पूरी पहुंच मिलेगी.
चीनी उद्योग में अभिजात वर्ग का एकाधिकार खत्म
आईएमएफ ने चीनी बाजार को उदार बनाने के लिए राष्ट्रीय नीति बनाने का आदेश दिया है. जून 2026 तक लाइसेंसिंग, मूल्य नियंत्रण और आयात-निर्यात नियमों पर सिफारिशें तैयार करनी होंगी. इसका मकसद अमीर वर्ग के दबदबे को कम करना है.
बिजली क्षेत्र में नुकसान घटाने के लिए निजी कंपनियों की भागीदारी बढ़ानी होगी. हाइड्रोइलेक्ट्रिक ईस्टको (हेस्को) और सिंधुको (सेस्को) में निजी निवेश की शर्तें दिसंबर 2025 तक पूरी करनी होंगी.
प्रेषण लागत पर गहन अध्ययन
विदेशी प्रेषण पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था का बड़ा सहारा हैं, लेकिन इनकी लागत ज्यादा है. आईएमएफ ने मई 2026 तक प्रेषण की वास्तविक लागत और सीमा पार भुगतान की बाधाओं का मूल्यांकन करने को कहा है. अनुमान है कि आने वाले वर्षों में यह लागत 1.5 अरब डॉलर तक पहुंच सकती है.
कार्य योजना से इन खर्चों को कम करने का रास्ता निकलेगा. बता दें, आईएमएफ ने अब तक 3.3 अरब डॉलर जारी किए हैं. 39 महीनों में बाकी राशि मिलेगी, लेकिन शर्तें पूरी न होने पर अगली किस्त रुक जाएगी. ये सुधार पाकिस्तान की आर्थिक स्थिरता के लिए जरूरी हैं.


