आप मानसिक संतुलन खो चुके हैं...! नड्डा ने खड़गे को ऐसा क्या कह दिया कि सदन में मचा हंगामा, बाद में मांगनी पड़ी माफी
राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे की टिप्पणी पर भड़के बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने 'मानसिक संतुलन' वाला बयान दे डाला, जिस पर भारी हंगामा हुआ और उन्हें माफी मांगनी पड़ी. विपक्ष ने पीएम की गैरमौजूदगी और विशेष सत्र न बुलाने को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला.

संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही के दौरान राज्यसभा में मंगलवार को तीखी बहस और जोरदार हंगामा हुआ. राज्यसभा में उस समय गरमागरमी चरम पर पहुंच गई जब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर की गई टिप्पणी के जवाब में बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने तीखा पलटवार कर डाला. खड़गे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए नड्डा ने ऐसा शब्द इस्तेमाल कर लिया, जिससे सदन में भारी हंगामा मच गया. उन्हें अपने शब्द वापस लेने और माफी मांगने के लिए मजबूर होना पड़ा.
खड़गे के तंज पर भड़के नड्डा
राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2015 की पाकिस्तान यात्रा को लेकर कटाक्ष किया. उन्होंने कहा कि आप पाकिस्तान पर सख्त रुख की बात करते हैं, लेकिन हमें याद है कि आप अचानक बिना पूर्व सूचना के लाहौर पहुंच गए थे. खड़गे के इस बयान ने सदन का माहौल गरमा दिया.
आप मानसिक संतुलन खो चुके हैं... बयान पर बवाल
पीएम मोदी पर टिप्पणी को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने आक्रोश जताते हुए कहा कि मोदी जी आज दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं और बीते 11 सालों से देश के प्रधानमंत्री हैं. यह देश के लिए गर्व की बात है. लेकिन आप पार्टी से इतने जुड़े हो गए हैं कि आपके लिए देश गौण हो गया है. आप मानसिक संतुलन खोकर शब्दों का प्रयोग करते हैं. नड्डा के ‘मानसिक संतुलन’ वाले बयान पर विपक्षी सांसदों ने जबरदस्त विरोध जताया. उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने माहौल शांत करने की कोशिश की, लेकिन विपक्ष शांत नहीं हुआ.
माफी मांगते दिखे जे.पी. नड्डा
विपक्ष के आक्रोश और सदन में बढ़ते तनाव को देखते हुए नड्डा को अपनी बात वापस लेनी पड़ी. उन्होंने कहा कि मैं अपने शब्द वापस लेता हूं. मानसिक संतुलन नहीं कहना चाहता था. उन्होंने भावावेश में ये शब्द कहे हैं. उस शब्द को हटाकर भावावेश कर दीजिए. हालांकि इसके बावजूद विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ और सदन में हंगामा जारी रहा.
सरकार पर साधा विपक्ष ने निशाना
इससे पहले खड़गे ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद विशेष सत्र बुलाने की विपक्ष की मांग को नजरअंदाज करने पर सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि जब 1962 में भारत-चीन युद्ध हुआ था, तब विपक्ष की मांग पर पंडित नेहरू ने विशेष सत्र बुलाया था, जबकि मौजूदा सरकार ने ना तो कोई सत्र बुलाया और ना ही विपक्ष को जानकारी दी. साथ ही उन्होंने सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर भी सवाल खड़े किए. खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री को सदन में होना चाहिए था, लेकिन वह चुनाव प्रचार में व्यस्त थे.


