'भारत अब भी हमला कर सकता है, मोदी गुस्से में हैं', जेल में बंद इमरान खान का दावा
चर्चा है कि पाक सेना प्रमुख आसिम मुनीर को असाधारण ताकत मिल चुकी है. इससे इमरान खान समर्थकों पर सख्त कार्रवाई की आशंका बढ़ गई है. माना जाता है कि इमरान को जेल भेजने और उन्हें कमजोर करने का इनाम ही सेना प्रमुख की बढ़ी हुई ताकत के रूप में मिला है.

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान, जो वर्तमान में रावलपिंडी की अडियाला जेल में बंद हैं, ने हाल ही में अपनी बहनों से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान, उन्होंने भारत से संभावित हमले की आशंका जताई. उनकी बहन अलीमा खान के अनुसार, इमरान खान ने कहा कि भारत ने भले ही सीजफायर स्वीकार किया हो, लेकिन वह अब भी पाकिस्तान पर हमला कर सकता है. उन्होंने पाकिस्तान की सेना और सरकार से अलर्ट रहने की सलाह दी.
इमरान खान की यह चिंता ऐसे समय में सामने आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ा हुआ है. हाल ही में, भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए थे, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच संघर्ष गहरा गया है. इस संघर्ष में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर दोनों ही प्रमुख भूमिका में हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, दोनों नेताओं की सख्त नीतियों के कारण युद्ध की आशंका बढ़ गई है.
जेल से इमरान की चेतावनी
इमरान खान की बहन अलीमा खान ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके भाई को डर है कि नरेंद्र मोदी पाकिस्तान से नफरत करते हैं और गुस्से में फिर से कोई हमला कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि युद्ध में 60 प्रतिशत हिस्सा मानसिक होता है, और उन्हें डर है कि नरेंद्र मोदी फिर से हमला कर सकते हैं.
सीजफायर के बावजूद भारत कर सकता है बड़ा हमला
इमरान खान की यह चिंता पाकिस्तान के लिए गंभीर संकेत है, क्योंकि इससे देश की सुरक्षा और राजनीतिक स्थिति पर असर पड़ सकता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस समय पाकिस्तान को अपनी सुरक्षा रणनीतियों पर पुनः विचार करने की आवश्यकता है.
इमरान खान की स्थिति चिंताजनक
इस बीच, इमरान खान की बहनों को जेल में उनसे मिलने की अनुमति मिलने के बाद, उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि इमरान खान की स्थिति चिंताजनक है और उन्हें न्याय मिलना चाहिए. उन्होंने पाकिस्तान सरकार से इमरान खान की रिहाई की मांग की. इमरान खान की यह मुलाकात और उनके द्वारा जताई गई चिंताएं पाकिस्तान और भारत के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाती हैं. इस स्थिति में, दोनों देशों के नेताओं को संयम और समझदारी से काम लेने की आवश्यकता है, ताकि क्षेत्रीय शांति बनी रहे.


