'भारत न्यूट्रल नहीं, शांति का पक्षधर है...', ट्रंप की मौजूदगी में रूस-यूक्रेन पर पीएम मोदी ने कही ये बड़ी बात
ट्रंप के साथ ज्वॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी ने कहा कि मैं हमेशा रूस और यूक्रेन के साथ निकट संपर्क में रहा हूं. मैंने दोनों देशों के नेताओं से मुलाकात की है. दुनिया को यही लगता है कि भारत तटस्थ है लेकिन मैं दोहराना चाहता हूं कि भारत तटस्थ नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि वास्तव में भारत शांति के पक्ष में रहा है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध समाप्त कराने के अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों का स्वागत किया तथा इस बात पर जोर दिया कि संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में नहीं खोजा जा सकता तथा शांति के लिए वार्ता और कूटनीति ही एकमात्र रास्ता है. अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय ‘व्हाइट हाउस’ में गुरूवार को ट्रंप के साथ बातचीत के बाद मोदी ने कहा कि भारत युद्ध के मामले में तटस्थ नहीं रहा है और वह शांति का पक्षधर है.
ट्रंप के साथ ज्वॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी ने कहा कि मैं हमेशा रूस और यूक्रेन के साथ निकट संपर्क में रहा हूं. मैंने दोनों देशों के नेताओं से मुलाकात की है. दुनिया को यही लगता है कि भारत तटस्थ है लेकिन मैं दोहराना चाहता हूं कि भारत तटस्थ नहीं रहा है. उन्होंने कहा कि वास्तव में भारत शांति के पक्ष में रहा है. उन्होंने कहा कि मैं युद्ध को समाप्त करने के लिए संभावित समाधान खोजने की दिशा में डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों का समर्थन करता हूं.
मोदी ने पुतिन को दिए अपने संदेश का जिक्र किया
मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को दिए अपने संदेश का जिक्र किया जिसमें उन्होंने पुतिन से कहा था कि ‘यह युद्ध का युग’ नहीं है. प्रधानमंत्री ने कहा कि जब मैं राष्ट्रपति पुतिन से मिला था, तो मैंने यहां तक कहा था कि ‘यह युद्ध का युग नहीं है.’ मैंने यह भी कहा था कि युद्ध के मैदान में समाधान नहीं मिल सकते. समाधान तभी मिल सकते हैं जब सभी पक्ष बातचीत की मेज पर आएं. उन्होंने कहा कि भारत का मानना है कि युद्ध का हल तभी निकल सकता है जब इस मुद्दे पर ऐसे मंच पर चर्चा की जाए जहां दोनों देश (रूस और यूक्रेन) मौजूद हों.
रूस-यूक्रेन जंग पर ट्रंप ने भी बयान दिया
ट्रंप ने बुधवार को कहा था कि उन्होंने पुतिन के साथ लंबी और सार्थक बातचीत की और वह युद्ध को समाप्त करने के लिए बातचीत की दिशा में आगे बढ़ने पर सहमत हुए. अमेरिकी राष्ट्रपति ने यहां तक कहा कि वह और पुतिन ‘अपनी-अपनी टीम द्वारा तुरंत बातचीत शुरू किए जाने पर सहमत हुए’.
यूक्रेन संघर्ष में भारत ने बातचीत से हल पर जोर दिया
भारत हमेशा से यूक्रेन संघर्ष को बातचीत और कूटनीति के माध्यम से हल करने पर जोर देता रहा है. पिछले साल नौ जुलाई को रूस की राजधानी मॉस्को में पुतिन के साथ शिखर वार्ता में मोदी ने रूसी नेता से कहा था कि यूक्रेन संघर्ष का समाधान युद्ध के मैदान में संभव नहीं है तथा बम और गोलियों के बीच शांति के प्रयास सफल नहीं होते. इसके कुछ सप्ताह बाद वह यूक्रेन गए थे. यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ अपनी वार्ता में मोदी ने कहा था कि यूक्रेन और रूस दोनों को युद्ध को समाप्त करने के लिए बिना समय बर्बाद किए एक साथ बैठना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत क्षेत्र में शांति बहाल करने की दिशा में ‘सक्रिय भूमिका’ निभाने के लिए तैयार है.


