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न गोली, न मिसाइल... इजरायली सैनिकों की असली ताकत है चिकन!

दुनिया की सबसे अनुशासित सेनाओं में शुमार इजरायल डिफेंस फोर्सेज़ (IDF) न केवल अपने हथियारों के लिए मशहूर है, बल्कि इस बात के लिए भी कि उसके सैनिकों को आखिर क्या खाना मिलता है. जवाब सुनकर आप चौंक जाएंगे.

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

International News: इजरायली सैनिकों के लिए खाना सिर्फ ऊर्जा का स्रोत नहीं, बल्कि अनुशासन और आस्था का हिस्सा भी है. IDF में जो मांस सबसे ज्यादा खाया जाता है, वो न भेड़ है, न गोमांस और न ही मछली—वो है साधारण लेकिन बहुप्रयुक्त चिकन. चिकन न सिर्फ स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह आसानी से कोषेर नियमों के अनुसार तैयार किया जा सकता है. इसे ग्रिल किया जा सकता है, शॉवर्मा में ढाला जा सकता है या फिर स्टू के रूप में भी परोसा जाता है. यही वजह है कि इजरायली सैनिकों की थालियों में चिकन सबसे ज़्यादा दिखाई देता है.

चिकन है IDF की पहली पसंद

IDF में सभी भोजन यहूदी धर्म के कोषेर नियमों के अंतर्गत तय होते हैं. इन नियमों के अनुसार, चिकन, टर्की, भेड़, बकरी और कुछ विशेष मछलियों का सेवन किया जा सकता है, लेकिन पोर्क और शेलफिश पूरी तरह वर्जित हैं. सेना के हर बेस कैंप में कोषेर सर्टिफाइड किचन होते हैं, जहां धर्म, स्वास्थ्य और सैन्य ज़रूरतों को एक साथ ध्यान में रखकर भोजन तैयार किया जाता है. चिकन का मुख्य कारण उसकी बहुपरता, प्रोटीन की मात्रा और उसकी त्वरित उपलब्धता है, जिससे यह सेना की रसोई में नंबर-1 बन चुका है.

कोषेर कानून तय करते हैं थाली का स्वाद

IDF में सब सैनिक मांसाहारी नहीं होते. कई सैनिक शाकाहारी या वीगन भी हैं. उनके लिए फलाफल, सबिच (बैंगन और अंडे का सैंडविच), इजरायली सलाद जैसे स्वादिष्ट और पोषणयुक्त विकल्प मौजूद हैं. इन विकल्पों में प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट्स का अच्छा संतुलन होता है, जो बिना मांस खाए भी ताकत देता है. यह बदलाव आधुनिक इजरायली सोच को भी दर्शाता है, जिसमें धर्म के साथ-साथ व्यक्तिगत चुनाव को भी महत्व दिया जा रहा है.

शाकाहारी सैनिकों के लिए भी खास ऑप्शन

IDF का ब्रेकफास्ट सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं, बल्कि पावर और परफॉर्मेंस के लिए होता है. सुबह के भोजन में ट्यूनीशियाई सैंडविच, शाकशुका (टमाटर में अंडे), हुम्मस, फलाफल, मूसली, अनाज और एनर्जी बार जैसे विकल्प होते हैं. ये खाना जल्दी बनता है, पोषण से भरपूर होता है और सैनिकों को सुबह की कठिन ट्रेनिंग के लिए तैयार करता है. प्रत्येक घटक के पीछे न्यूट्रिशनल गणना होती है ताकि सैनिकों को लंबे समय तक एनर्जी मिल सके.

नाश्ता होता है ताकत का पैकेज

दोपहर के भोजन में IDF सैनिकों को ग्रिल्ड चिकन, शॉवर्मा और बीफ बर्गर जैसे विकल्प मिलते हैं. इसमें हाई-प्रोटीन सामग्री होती है, जो फील्ड एक्सरसाइज़ या युद्धाभ्यास के लिए जरूरी ऊर्जा देती है. कुछ कैंप्स में मांस के अलावा सूप, पास्ता और पिटा ब्रेड भी शामिल होते हैं. लेकिन चिकन अब भी लंच प्लेट का हीरो बना रहता है. यह सब बताता है कि आधुनिक युद्धों में सिर्फ हथियार नहीं, पोषण भी जीत की बड़ी रणनीति बन चुका है.

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19 June 2025, 12:56 PM IST

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