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AI बताएगा आपकी किस्मत! कुंडली से लेकर कर्म तक सब डिजिटल

भारत में अब टेक्नोलॉजी सिर्फ सुविधा नहीं, आस्था का माध्यम भी बन गई है. कुंडली बनवानी हो या ग्रह-शांति करानी हो, अब मोबाइल स्क्रीन पर ही सब कुछ संभव है. AI प्लेटफार्म धीरे-धीरे डिजिटल पंडित का रूप भी ले रहा है.

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

Tech News: अब पंडित नहीं, मोबाइल आपकी जन्मपत्री को लेकर चर्चा करेगा. भारत में डिजिटल ज्योतिष का चलन तेजी से बढ़ रहा है. तमाम एप्स और प्लेटफार्म औप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए कुंडली बनाते हैं. राशिफल सुनाते हैं और आपकी समस्याओं का वैदिक समाधान भी सुझा देते हैं. ये टेक्नोलॉजी सिर्फ देखने में हाई-टेक नहीं, बल्कि इस्तेमाल में बेहद आसान भी है.आज कल लोग जन्म की तारीख, समय और जगह डालते ही AI से बनी कुंडली अपने फोन में पा जाते हैं. ऐप्स सिर्फ ग्रहों की स्थिति नहीं बताते, बल्कि आपकी शादी, करियर और सेहत तक पर भविष्यवाणी करते हैं. इस प्रक्रिया में कोई इंसानी पंडित नहीं होता. सब कुछ डेटा और एल्गोरिद्म से तय होता है.

वॉइस असिस्टेंट बना ऑनलाइन पंडित

अब यूज़र बोलकर पूछते हैं – “मेरा आज का राशिफल क्या है?” और Alexa, Google Assistant या ऐप्स जवाब देते हैं. हिंदी, तमिल, बंगाली जैसी भाषाओं में भी ये सुविधा उपलब्ध है. ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि वहां पढ़ने से ज़्यादा सुनने की आदत है. इन वॉइस-सक्षम ऐप्स ने बुजुर्गों के लिए ज्योतिष को और भी सुलभ बना दिया है. सुबह-सुबह लोग अब चाय के साथ राशिफल सुनते हैं, जैसे कभी रेडियो सुना करते थे. त्योहारों और व्रत के दिन भी वॉइस अलर्ट के ज़रिए पावन सूचनाएं दी जा रही हैं.

AI से तय हो रहा मुहूर्त

किस दिन शादी करनी चाहिए? गृह प्रवेश कब हो? अब ये फैसले पंडित नहीं, AI लेता है. ऐप्स पंचांग, ग्रहों की चाल और यूज़र की जन्मतिथि के आधार पर शुभ समय निकालते हैं. इतना ही नहीं, कुछ ऐप्स पूजा की संपूर्ण गाइडलाइन भी देते हैं – मंत्र, विधि और सामग्री लिस्ट सहित. यह तकनीक शहरों में ही नहीं, अब गांवों तक पहुंच रही है. युवाओं को अब पंडित के समय या उपलब्धता पर निर्भर नहीं रहना पड़ता. कुछ ऐप्स तो ऑटोमेटिक नोटिफिकेशन भेजते हैं कि किस दिन कौन सा मुहूर्त श्रेष्ठ रहेगा.

लाइव ग्रह-शांति और वर्चुअल पूजा

अब लोग मोबाइल ऐप्स से लाइव पूजा कराते हैं. पुणे या काशी में बैठे पंडित, दिल्ली या लंदन में बैठे भक्त के लिए ऑनलाइन ग्रह शांति करते हैं. Zoom या ऐप्स के ज़रिए पूरा यज्ञ भी कराया जा रहा है. भक्त सिर्फ ऐप पर क्लिक करते हैं, बाकी सब कुछ टेक्नोलॉजी कर रही है. कुछ प्लेटफॉर्म्स 360 डिग्री कैमरा व्यू के साथ लाइव दर्शन की सुविधा भी दे रहे हैं. भक्त मंत्रों की गूंज और अग्निहोत्र का धुआं अपनी स्क्रीन पर लाइव अनुभव करते हैं. इसने खासतौर पर प्रवासी भारतीयों को डिजिटल श्रद्धा से जोड़ दिया है.

भरोसा भी विवाद भी

जहां एक ओर ये सुविधा लोगों का समय और पैसा बचा रही है, वहीं कुछ परंपरावादी इसका विरोध कर रहे हैं. उनका मानना है कि AI कभी भी इंसानी अनुभव और अध्यात्मिक उर्जा बराबरी नहीं कर सकता, लेकिन युवा पीढ़ी इसे आधुनिक समाधान मान रही है. जन्म की तारीख, समय और लोकेशन जैसे निजी डेटा AI ऐप्स में जा रहे हैं. ये चिंता का विषय है. विशेषज्ञ मानते हैं कि ज्योतिष ऐप्स को डेटा गोपनीयता के कड़े नियमों का पालन करना चाहिए. फिलहाल, इस सेगमेंट में कोई सख्त रेगुलेशन नहीं है.

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19 June 2025, 12:32 PM IST

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