20 की उम्र से अपनाएं ये 5 योगासन, लंबी उम्र और तंदुरुस्ती का मिलेगा वरदान
आजकल छोटे बच्चों को भी स्वास्थ्य समस्याएं घेरने लगी हैं. ऐसे में जरूरी है कि कम उम्र से ही योग को दिनचर्या में शामिल किया जाए. ताड़ासन, बालासन, वज्रासन, त्रिकोणासन और भुजंगासन जैसे 5 सरल योगासन मानसिक और शारीरिक सेहत को मजबूत बनाने में बेहद फायदेमंद साबित होते हैं.

आज के दौर में खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी फूड हैबिट्स की वजह से बीमारियां अब उम्र नहीं देखतीं. 30 की उम्र पार करते ही शरीर कई तरह की समस्याओं से घिर जाता है. ऐसे में जरूरी है कि 20 की उम्र से ही फिटनेस को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिया जाए. व्यस्त शेड्यूल में अगर जिम के लिए वक्त नहीं मिलता तो योग सबसे आसान और असरदार विकल्प है. योग सिर्फ शरीर को नहीं, बल्कि मन और आत्मा को भी स्वस्थ बनाता है.
20 से 30 की उम्र वो दौर होता है जब शरीर सबसे ज्यादा एक्टिव रहता है और फिटनेस की नींव यहीं से रखी जा सकती है. इस उम्र में योग करने से मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है, हॉर्मोन संतुलन बना रहता है और कई क्रॉनिक बीमारियों से बचाव होता है. आगे की उम्र में शरीर मजबूत और लचीला बना रहता है.
ये 5 योगासन आपके लिए बनेंगे वरदान
1. ताड़ासन (Mountain Pose):
2. बालासन (Child Pose):
यह योग मुद्रा तनाव और थकान को दूर करने के लिए जानी जाती है. घुटनों के बल बैठकर आगे की ओर झुकें और माथा ज़मीन से लगाएं. यह पोज़ माइंड को शांत करता है और शरीर में सुकून देता है.
3. वज्रासन (Thunderbolt Pose):
यह एकमात्र योग मुद्रा है जिसे खाना खाने के बाद भी किया जा सकता है. घुटनों के बल बैठकर कमर सीधी रखें. इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है और गैस्ट्रिक प्रॉब्लम्स दूर रहती हैं.
4. त्रिकोणासन (Triangle Pose):
यह योगासन शरीर को फ्लेक्सिबल बनाता है और मांसपेशियों में खिंचाव लाकर ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है. इसके नियमित अभ्यास से पाचन बेहतर होता है और कमर व गर्दन के दर्द में राहत मिलती है.
5. भुजंगासन (Cobra Pose):
पेट के बल लेटकर ऊपर की ओर शरीर को उठाने वाली ये मुद्रा रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाती है और पीठ दर्द से राहत देती है. साथ ही वजन घटाने में भी मददगार साबित होती है.
21 जून से शुरू करें अपनी योग यात्रा
आने वाली 21 जून, यानी अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से अपनी फिटनेस जर्नी की शुरुआत करें. अगर आप अभी से योग को आदत बना लेंगे, तो भविष्य में ना केवल बीमारियां आपसे दूर रहेंगी बल्कि आप मानसिक रूप से भी हमेशा ऊर्जावान महसूस करेंगे.


