'मुझे कोई परवाह नहीं', अमेरिकी हमले में 11 लोगों की मौत के सवाल पर भड़के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस
अमेरिका ने वेनेजुएला के ड्रग कार्टेल से जुड़े जहाज पर हमला कर 11 लोगों को मार गिराया, जिसे उपराष्ट्रपति वेंस और ट्रंप प्रशासन ने आतंकवाद विरोधी कार्रवाई बताया. इस हमले ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवाद खड़ा कर दिया है, लेकिन अमेरिका ने इसे वैध और आवश्यक करार दिया है. यह कार्रवाई बदलती अमेरिकी सैन्य नीति को दर्शाती है.

US military strike: अमेरिकी सेना द्वारा कैरिबियन सागर में एक संदिग्ध वेनेजुएलाई ड्रग तस्कर जहाज को नष्ट करने की कार्रवाई को लेकर देश और अंतरराष्ट्रीय समुदाय में विवाद खड़ा हो गया है. इस हमले में 11 लोगों की मौत हुई, लेकिन अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने इस ऑपरेशन का बचाव किया है.
युद्ध अपराध? मुझे परवाह नहीं – वेंस
उपराष्ट्रपति वेंस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर बयान देते हुए कहा कि ड्रग कार्टेल के सदस्यों को मारना अमेरिकी सेना का सर्वश्रेष्ठ उपयोग है. यह टिप्पणी उन्होंने राजनीतिक विश्लेषक ब्रायन क्रैसेनस्टीन की आलोचना के जवाब में दी, जिन्होंने इस हमले को गैरकानूनी और युद्ध अपराध बताया था. वेंस का सख्त जवाब था, “मुझे इसकी कोई परवाह नहीं है कि आप इसे क्या कहते हैं.”
ट्रंप के आदेश पर किया गया हमला
यह सैन्य हमला अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निर्देश पर किया गया था. अमेरिकी सेना ने चार इंजन वाले एक जलयान को निशाना बनाया, जिसे वेनेजुएला के कुख्यात ड्रग कार्टेल ट्रेन डी अरागुआ से जुड़ा बताया गया. ट्रंप ने 3 सितंबर को इस ऑपरेशन की पुष्टि करते हुए इस कार्टेल को विदेशी आतंकवादी संगठन करार दिया.
सैन्य अधिकारीयों की प्रतिक्रिया
व्हाइट हाउस की उप प्रेस सचिव अन्ना केली ने इस कार्रवाई को अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुरूप बताया और इसे आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ उठाया गया "लक्षित कदम" बताया. अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि इस जहाज को रोकने की बजाय नष्ट कर दिया गया और भविष्य में भी ऐसा होता रहेगा. रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने भी स्पष्ट किया कि जो भी इस क्षेत्र में तस्करी करता पाया जाएगा, खासकर वे जो आतंकवादी संगठनों से जुड़े हैं, उन्हें इसी प्रकार की सज़ा मिलेगी.
बढ़ता सैन्य तनाव
यह हमला अमेरिका की ओर से लैटिन अमेरिकी ड्रग कार्टेलों पर कार्रवाई को लेकर बदलती रणनीति का संकेत है. पहले संदिग्ध जहाजों को अमेरिकी कोस्ट गार्ड द्वारा रोका जाता था, लेकिन अब उन्हें सीधे दुश्मन के रूप में देखा जा रहा है. अगस्त में ही कोस्ट गार्ड ने प्रशांत महासागर में 20,000 किलोग्राम कोकीन ज़ब्त की थी. अब अमेरिकी नीति इन संगठनों को अपराधी नहीं, बल्कि दुश्मन लड़ाके मानती है और इसी आधार पर उन पर घातक हमला किया जा रहा है.
अमेरिका की बढ़ती सैन्य उपस्थिति
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने इस क्षेत्र में 4,000 से अधिक मरीन और नाविक तैनात किए हैं, जिनका समर्थन टॉमहॉक मिसाइलों से लैस जहाजों, एक हमलावर पनडुब्बी और एफ-35 फाइटर जेट्स द्वारा किया जा रहा है. यह तैयारी ट्रंप प्रशासन द्वारा वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो पर दबाव बढ़ाने के लिए की गई है, जिन्हें अमेरिका ने "नार्को-आतंकवादी" करार दिया है. मादुरो की गिरफ्तारी पर इनाम की राशि भी बढ़ाकर 5 करोड़ डॉलर कर दी गई है.
चुनावी वादों पर अमल
वेंस की यह कड़ी प्रतिक्रिया उनके पिछले चुनावी भाषणों के अनुरूप है, जहाँ उन्होंने कहा था कि अमेरिका को जरूरत पड़ने पर सीधे मैक्सिकन ड्रग कार्टेलों पर सैन्य कार्रवाई करनी चाहिए. अब यह स्पष्ट हो रहा है कि यह केवल बयानबाज़ी नहीं थी — बल्कि एक स्पष्ट नीति बन रही है.


