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ट्रंप का टूटा भरोसा! महज 50 दिनों में थाइलैंड और कंबोडिया के बीच फिर से शुरू हुआ युद्ध, एक की मौत

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच सीमा विवाद फिर भड़क गया है. विवादित इलाके में गोलीबारी से एक कंबोडियाई नागरिक की मौत और तीन घायल हुए. दोनों देश एक-दूसरे पर संघर्ष शुरू करने का आरोप लगा रहे हैं, जिससे हालिया युद्धविराम खतरे में है.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

नई दिल्लीः थाईलैंड और कंबोडिया के बीच लगातार बढ़ते तनाव ने बुधवार को नया मोड़ ले लिया, जब सीमा के विवादित इलाके में हुई गोलीबारी में कंबोडिया के एक नागरिक की मौत हो गई और तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए. दोनों देशों ने एक-दूसरे पर संघर्ष की शुरुआत करने का आरोप लगाया है, जिससे अमेरिका की मध्यस्थता से हुआ हालिया युद्धविराम समझौता खतरे में पड़ गया है.

इससे पहले थाईलैंड ने कंबोडिया पर सोमवार को ताजा बारूदी सुरंगें बिछाने का आरोप लगाया था, जिसके कारण एक थाई सैनिक घायल हो गया. आरोपों के बाद थाई विदेश मंत्रालय ने कंबोडिया से औपचारिक माफी की मांग की थी. हालांकि कंबोडिया ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि वह किसी भी तरह के उल्लंघन में शामिल नहीं है और थाईलैंड को तय समझौतों का सम्मान करना चाहिए.

युद्धविराम पर मंडराता खतरा

मंगलवार को थाई सरकार ने घोषणा की कि वह उस युद्धविराम समझौते को अस्थायी रूप से निलंबित कर रही है, जिस पर दोनों देशों ने पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए थे. यह समझौता जुलाई में पांच दिनों तक चले खूनी संघर्ष को रोकने के बाद तैयार किए गए प्रारंभिक युद्धविराम पर आधारित था. कंबोडिया ने युद्धविराम लागू रखने पर जोर दिया है और कहा कि वह किसी भी नए संघर्ष की शुरुआत नहीं करना चाहता.

विवादित गांव में गोलाबारी

कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने बताया कि बुधवार दोपहर लगभग 3:50 बजे (स्थानीय समयानुसार) सीमा के एक विवादित गांव के पास थाई सैनिकों ने गोलीबारी की. मंत्रालय के अनुसार, इस घटना में एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई और तीन अन्य घायल हुए.

वहीं, थाई सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल विन्थाई सुवारी का कहना है कि गोलीबारी की शुरुआत कंबोडियाई सैनिकों ने की थी. उनके अनुसार, थाई सेना ने नियमों के अनुसार चेतावनी स्वरूप जवाबी गोलियाँ चलाईं और संघर्ष करीब 10 मिनट तक चला, जिसके बाद स्थिति सामान्य हो गई.

संघर्ष का केंद्र वह बस्ती है जिसे थाईलैंड सा कायो प्रांत के बान नोंग या काऊ का हिस्सा मानता है, जबकि कंबोडिया इसे बांतेय मींचे प्रांत के प्रेय चान गांव का हिस्सा बताता है. यह क्षेत्र पहले भी कई बार झड़पों का केंद्र रहा है.

बारूदी सुरंगों से बढ़ रही समस्या

थाई विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि सोमवार की बारूदी सुरंग घटना के लिए कंबोडिया को जिम्मेदार ठहराते हुए उनसे माफी मांगी गई है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने को कहा गया है. हालांकि कंबोडियाई सरकार ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

जुलाई में हुए भीषण संघर्ष में कम से कम 48 लोगों की जान गई थी, जबकि करीब तीन लाख लोग अस्थायी रूप से अपने घरों से विस्थापित हुए थे. उस दौरान दोनों देशों ने रॉकेट हमलों, भारी तोपों और हवाई हमलों का इस्तेमाल किया था.

16 जुलाई के बाद से बारूदी सुरंगों से जुड़े हादसों में कम से कम सात थाई सैनिक गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं. रॉयटर्स ने अपनी एक रिपोर्ट में संकेत दिया था कि कुछ बारूदी सुरंगें हाल ही में बिछाई गई प्रतीत होती हैं.

सदी पुराना सीमा विवाद

दोनों देशों के बीच 817 किलोमीटर लंबी भूमि सीमा के कई हिस्सों पर संप्रभुता को लेकर विवाद एक सदी से अधिक समय से जारी है. इस सीमा का मानचित्रण पहली बार 1907 में फ्रांस ने किया था जब कंबोडिया उसकी उपनिवेश था.

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08 December 2025, 11:06 AM IST

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