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'भारत से सहयोग को तैयार...', SCO मीटिंग में बोले चीन के विदेश मंत्री; जयशंकर की बातों को दोहराया

बीजिंग में SCO बैठक के दौरान भारत और चीन ने रिश्तों में सुधार का संकेत दिया, जहां वांग यी ने सहयोग और विश्वास की बात कही और एस. जयशंकर ने सीमा विवाद के समाधान को रणनीतिक भरोसे की नींव बताया.

बीजिंग में सोमवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान भारत और चीन के रिश्तों को लेकर एक सकारात्मक संकेत मिला. इस दौरान चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात में कहा कि चीन भारत के साथ मतभेदों को सही ढंग से संभालने और परस्पर विश्वास के साथ आगे बढ़ने को तैयार है.

जयशंकर ने भी इस बातचीत में स्पष्ट किया कि मतभेद विवाद ना बनें और प्रतिस्पर्धा कभी संघर्ष का रूप ना ले. दोनों देशों के बीच बीते सालों में सीमा पर तनाव के बावजूद, ये मुलाकात रिश्तों में संतुलन और नई दिशा की उम्मीद दिखाती है.

मतभेद नहीं, सहयोग का रास्ता: वांग यी

चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि भारत और चीन को एक-दूसरे पर संदेह करने की बजाय विश्वास करना चाहिए और प्रतिस्पर्धा के बजाय सहयोग की दिशा में बढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत-चीन संबंधों का सार परस्पर सफलता में निहित है. वांग ने ये भी कहा कि दोनों देश दीर्घकालिक योजना बनाकर बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा कर सकते हैं और वैश्विक उत्पादन एवं आपूर्ति श्रृंखला की स्थिरता सुनिश्चित कर सकते हैं.

सीमा विवाद पर फिर बोले जयशंकर

बैठक में एस. जयशंकर ने सीमा विवाद का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि भारत-चीन संबंधों में बीते 9 महीनों में सुधार हुआ है और इसका मुख्य कारण सीमा पर तनाव की स्थिति का समाधान है. यह रणनीतिक विश्वास का मूल आधार है. जयशंकर ने यह भी दोहराया कि दोनों देशों के बीच स्थिर और रचनात्मक संबंध केवल आपसी हित में नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए फायदेमंद होंगे.

मोदी-शी जिनपिंग की मुलाकात से बदली दिशा

जयशंकर ने इस बात पर भी जोर दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अक्टूबर 2024 में रूस के कज़ान में हुई मुलाकात के बाद से रिश्तों में सकारात्मक बदलाव आया है. उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देशों के प्रतिनिधि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मिलते रहे हैं और अब भारत-चीन में सीधे संवाद की उम्मीद की जा रही है. दोनों देशों ने 75 सालों की कूटनीतिक साझेदारी पूरी की है, जो एक नई शुरुआत का संकेत है.

अच्छे पड़ोसी बनने की दिशा में चीन

वांग यी ने आगे कहा कि चीन और भारत को अच्छे पड़ोसी बनने की दिशा में काम करना चाहिए. परस्पर सम्मान, विश्वास, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और साझा विकास के साथ आगे बढ़ना ही सही रास्ता है. चीनी सरकारी समाचार एजेंसी ‘शिन्हुआ’ के अनुसार, वांग ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों को दीर्घकालिक सोच अपनानी चाहिए और सहयोग से ही वास्तविक लाभ संभव है.

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14 July 2025, 08:03 PM IST

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