'आतंकवाद के सहारे चल रही है सत्ता', यूनुस सरकार पर हसीना का वार
इससे पहले शेख हसीना ने मोहम्मद यूनुस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनकी अंतरिम सरकार बांग्लादेश को अमेरिका को बेचने की साजिश कर रही है. इस बयान के बाद हसीना ने यूनुस सरकार के खिलाफ अपना हमला और तेज कर दिया, जिससे राजनीतिक टकराव और बढ़ गया.

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरिम राष्ट्रपति मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली सरकार पर कड़ा हमला बोला है. उन्होंने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि यूनुस ने देश को "नरक" में बदल दिया है और उनकी सरकार आतंकवाद के समर्थन से चल रही है. हसीना ने आरोप लगाया कि यूनुस के कार्यकाल में बांग्लादेश कम से कम दस साल पीछे चला गया है.
84 वर्षीय नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने पिछले अगस्त में अंतरिम राष्ट्रपति के रूप में कार्यभार संभाला था, जब देशभर में छात्र आंदोलनों ने विकराल रूप ले लिया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना को भारत भागना पड़ा था. सत्ता में आने के बाद से यूनुस को सिविल सेवा, शिक्षा जगत, राजनीतिक दलों और सेना के विभिन्न वर्गों से तीव्र विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
अंतरिम सरकार पर उठे सवाल
सरकार पर आम चुनाव कराने में देरी और संक्रमण काल को अस्थिर बनाए रखने के आरोप लग रहे हैं. यहां तक कि सेना और अंतरिम प्रशासन के बीच चुनावों की समयसीमा को लेकर मतभेद की खबरें भी सामने आ चुकी हैं.
"अब यूनुस सरकार को उखाड़ फेंकने का समय है" – हसीना
शेख हसीना ने अपने बयान में कहा, "बांग्लादेशी नागरिकों पर अत्याचार अब और नहीं सहा जाएगा. यूनुस सरकार को उखाड़ फेंकने का समय आ गया है." उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार आतंकवादियों के समर्थन से टिकी हुई है और इससे देश की स्थिरता को गंभीर खतरा है.
अवामी लीग के नेताओं पर कार्रवाई
यूनुस सरकार ने हाल ही में हसीना की पार्टी अवामी लीग को भंग कर दिया है और इसके कई वरिष्ठ नेताओं को मानवता विरोधी अपराधों के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. इसमें पूर्व मंत्री भी शामिल हैं. इस कदम को राजनीतिक प्रतिशोध के रूप में देखा जा रहा है, जिससे असंतोष और अधिक बढ़ा है.
भारत से मांगा समर्थन
हसीना ने अपने बयान में भारत से भी सहायता की अपील की. उन्होंने लिखा, "प्रिय मित्र भारत, यूनुस सरकार बांग्लादेश में आतंकवादियों के इशारे पर काम कर रही है. हिंदुओं और स्थानीय नागरिकों पर अत्याचार हो रहे हैं. हमें इस लड़ाई में आपके समर्थन की आवश्यकता है, और मुझे भरोसा है कि भारत हमारे साथ खड़ा होगा." इस बयान से साफ है कि बांग्लादेश में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है और आने वाले समय में देश के भीतर और बाहर दोनों स्तर पर इसकी गूंज सुनाई दे सकती है.


