'भारत के साथ नहीं होगा बड़ा युद्ध, लेकिन...', पाकिस्तान के पूर्व NSA के दावे से शहबाज शरीफ को लग सकता है झटका!
पहलगाम आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में नया तनाव पैदा कर दिया है. भारत ने पाकिस्तान समर्थित आतंकियों को जिम्मेदार ठहराया, जबकि पाकिस्तान ने इनकार किया. पाकिस्तान की परमाणु धमकियों और अमेरिका की निष्क्रियता ने हालात को और गंभीर बना दिया है. पूर्व पाक NSA मोईद यूसुफ ने युद्ध की संभावना से इनकार नहीं किया, बल्कि सतर्क रहने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि भारत-पाक संकटों में अमेरिका की भूमिका अहम रही है, लेकिन इस बार उसकी चुप्पी चिंता का विषय है.

हाल ही में हुए पहलगाम आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के पहले से ही तनावपूर्ण संबंधों को और अधिक जटिल बना दिया है. इस हमले को हुए 11 दिन बीत चुके हैं, लेकिन सीमा पर सैन्य तनातनी बनी हुई है और दोनों देशों के बीच कूटनीतिक रिश्तों में भी तल्खी साफ नज़र आ रही है. भारत ने इस हमले का सीधा आरोप पाकिस्तान समर्थित आतंकियों पर लगाया है. वहीं, पाकिस्तान इस आरोप को सिरे से नकार रहा है और खुद को इसमें शामिल न होने की बात कह रहा है.
परमाणु युद्ध की धमकियों से बिगड़ी स्थिति
इस गंभीर हालात के बीच पाकिस्तान की ओर से लगातार परमाणु युद्ध की धमकियां दी जा रही हैं, जिससे स्थिति और अधिक संवेदनशील बन गई है. इस पृष्ठभूमि में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) मोईद यूसुफ का बयान सामने आया है, जिसमें उन्होंने युद्ध की संभावना को पूरी तरह खारिज नहीं किया है, लेकिन सतर्कता की ज़रूरत ज़रूर जताई है.
कौन हैं मोईद यूसुफ?
मोईद यूसुफ, इमरान खान की सरकार में पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रह चुके हैं. उन्हें दक्षिण एशिया और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा नीति का जानकार माना जाता है. उन्होंने अमेरिका और पाकिस्तान से उच्च शिक्षा प्राप्त की है और उनकी लिखी किताब “Broking Peace in Nuclear Environments” को क्षेत्रीय सुरक्षा विश्लेषकों द्वारा विशेष महत्व दिया गया है. यह पुस्तक दक्षिण एशिया में परमाणु संतुलन और संकट प्रबंधन पर केंद्रित है.
भारत-पाक संकटों में अमेरिका की भूमिका अहम रही है
एक इंटरव्यू में यूसुफ ने कहा कि भारत और पाकिस्तान संकट के समय बाहरी मदद की ओर देखते हैं, जो एक बड़ी कमजोरी है. उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक रूप से दोनों देश अमेरिका जैसे तीसरे पक्ष पर भरोसा करते आए हैं. लेकिन इस बार अमेरिका ने तटस्थ रुख अपनाया है, जिससे भारत की कूटनीतिक स्थिति भी कमजोर हुई है. यूसुफ का मानना है कि भारत ने हमेशा की तरह पुरानी रणनीति अपनाई, लेकिन अमेरिका की चुप्पी ने संतुलन बनाए रखने वाले तत्व को हटा दिया.
युद्ध की संभावना और चेतावनी
पूर्व NSA यूसुफ ने यह स्वीकार किया कि अभी व्यापक युद्ध की स्थिति नहीं है, लेकिन उन्होंने पाकिस्तान को हर संभावित परिस्थिति के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी. उनका कहना था कि युद्ध अकसर गलतफहमियों से शुरू होता है और जब हालात इतने तनावपूर्ण हों, तो एक छोटी गलती बड़े संकट को जन्म दे सकती है. उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत की ओर से कोई भी कार्रवाई अचानक हो सकती है, इसलिए पाकिस्तान को रणनीतिक रूप से सतर्क रहना होगा.
अमेरिका की निष्क्रियता और वैश्विक जिम्मेदारी
यूसुफ ने अमेरिका की निष्क्रियता को मौजूदा संकट का सबसे चिंताजनक पहलू बताया. उन्होंने ट्रंप के पुराने बयान का उल्लेख करते हुए कहा कि अब अमेरिका यह संदेश दे रहा है कि भारत और पाकिस्तान को अपने विवाद खुद ही सुलझाने होंगे. यह रवैया क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरनाक हो सकता है.


