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भारत में 480 पाकिस्तानियों को मिली मुक्ति! गंगा में प्रवाहित की गईं अस्थियां

 भारत में 480 पाकिस्तानियों को मुक्ति मिल गई है और उनकी अस्थियां गंगा में प्रवाहित कई गईं है. सिंध प्रांत से आए गोबिंद राम मखीजा ने बताया कि इस बार सिंध के 6 जिलों- गोटकी, सक्कर. खैरपुर, शिकारपुर, कर्जकोट और जटाबल से 68 लोग पहुंचे हैं.  इनमें करीब 50 लोग पहली बार महाकुंभ में भाग ले रहे हैं, जो एक एतिहासिक घटना है और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम साबित हो रहा है. 

Lalit Sharma
Edited By: Lalit Sharma

महाकुंभ न्यूज.  देश-विदेश में सोशल मीडिया आदि पर महाकुंभ की दिव्यता को देखने-सुनने के बाद पाकिस्तान के सनातन लोग भी खुद को यहां आने से नहीं रोक पाए और सिंध प्रांत से 68 हिंदू श्रद्धालुओं का एक जत्था गुरुवार (6 फरवरी 2025) को यहां पहुंचा और संगम में डुबकी लगाई. सूचना विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान से आए तमाम श्रद्धालुओं ने गुरुवार को पवित्र संगम में स्नान किया और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.

श्रद्धालुओं के साथ आए महंत रामनाथ ने बताया कि इससे पहले वे सभी हरिद्वार गए थे, जहां उन्होंने अपने लगभग 480 पूर्वजों की अस्थियां विसर्जित कीं और उनकी पूजा की. इसके बाद उन्होंने महाकुंभ में आकर संगम में स्नान किया और अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.

250 लोगों ने प्रयागराज में लगाई डुबकी

इससे पहले सेक्टर 9 स्थित श्री गुरुकृष्णी शिविर में पीटीआई से बातचीत करते हुए सिंध प्रांत से आए गोविंद राम मखीजा ने कहा कि  जब से हमने पिछले दो-तीन महीनों से महाकुंभ के बारे में सुना है, तब से हमारी यहां आने की बड़ी इच्छा थी. हम अपने आप को आने से रोक नहीं सके. उन्होंने कहा कि पिछले साल अप्रैल में 250 लोग पाकिस्तान से प्रयागराज आए और गंगा में डुबकी लगाई. इस बार सिंध के छह जिलों-गोटकी, सुक्कुर, खैरपुर, शिकारपुर, कर्जकोट और जटाबल से 68 लोग आए हैं. इनमें से करीब 50 लोग पहली बार महाकुंभ में आए हैं.

11 की छात्रा सुरभि ने कहा... 

गोबिंग राम मखीजा ने कहा कि यहां आना विशेष है, मैं बहुत खुश हूं... यहां के अनुभव को बयां करने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं.' यहां आकर हमें सनातन धर्म में जन्म लेने पर गर्व महसूस होता है. सिंध प्रांत के गोटकी की कक्षा 11 की छात्रा सुरभि ने कहा कि वह पहली बार भारत आई है और कुंभ में भी पहली बार शामिल हुई है. उन्होंने कहा, "यहां पहली बार हमें अपने धर्म को गहराई से समझने का अवसर मिल रहा है." यह बहुत अच्छा लगता है.

अपनी संस्कृति को देखना बहुत ही दिव्य.. 

सिंध से आईं प्रियंका ने कहा कि मैं पहली बार भारत और इस महाकुंभ में आई हूं.' यहां अपनी संस्कृति को देखना एक बहुत ही दिव्य अनुभव है. मैं एक गृहिणी हूं और भारत आना मेरे लिए सबसे बड़ा आशीर्वाद है. हम वहीं पैदा हुए और मुसलमानों के बीच रहे. सिंध प्रांत में हिंदुओं के साथ उतना भेदभाव नहीं होता जितना मीडिया में दिखाया जाता है, बल्कि हमें यहां अपनी संस्कृति देखने का मौका मिल रहा है.

सिंध में भारतीय नागरिकता की संभावना पर...

भारत में सीएए कानून पर विचार व्यक्त करते हुए सुक्कुर जिले से ताल्लुक रखने वाले निरंजन चावला ने कहा कि सिंध में ऐसा माहौल नहीं है कि लोग भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करें, लेकिन राजस्थान (पाकिस्तान का हिस्सा) जैसे कुछ क्षेत्रों में हिंदुओं के लिए कुछ कठिनाइयां हैं. निर्माण क्षेत्र में काम करने वाले निरंजन चावला ने कहा कि मैं भारत सरकार से अनुरोध करना चाहूंगा कि वीजा जारी करने की प्रक्रिया को थोड़ा आसान बनाया जाए. वर्तमान में वीज़ा स्वीकृत होने में छह महीने का समय लगता है. हालांकि, यहां आए समूह को आसानी से वीज़ा प्रदान किया गया, जिसके लिए हम भारत सरकार को धन्यवाद देते हैं.

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07 February 2025, 05:25 PM IST

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