अफगानिस्तान ने जम्मू-कश्मीर को बताया भारत का हिस्सा...भड़का PAK, जताई आपत्ति, अफगान राजदूत को किया तलब
India Afghanistan joint statement : भारत और अफगानिस्तान के संयुक्त बयान पर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई है और अफगान राजदूत को तलब किया. कश्मीर को भारत का हिस्सा बताए जाने पर पाकिस्तान ने इसे UNSC प्रस्तावों का उल्लंघन बताया. अफगान विदेश मंत्री मुत्ताकी के बयान को भी खारिज किया गया जिसमें आतंकवाद को पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा कहा गया था. पाकिस्तान ने अफगानों की वापसी की भी मांग की और अफगान सरकार पर दायित्व निभाने का दबाव डाला.

India Afghanistan Joint Statement : भारत और अफगानिस्तान के बीच जारी हुए हालिया संयुक्त बयान को लेकर पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. इस्लामाबाद ने भारत के दौरे पर आए अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के बयानों और बयान में जम्मू-कश्मीर को लेकर किए गए उल्लेख पर गंभीर आपत्ति जताते हुए अफगानिस्तान के राजदूत को तलब किया. मुत्ताकी इन दिनों अपने छह दिवसीय भारत दौरे पर हैं और दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों पर चर्चा चल रही है.
कश्मीर पर टिप्पणी से नाराज पाकिस्तान
दोनों देशों ने आतंकवाद की स्पष्ट निंदा की
इस बयान में विशेष तौर पर अप्रैल में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की अफगानिस्तान द्वारा की गई निंदा पर पाकिस्तान को आपत्ति है. अफगानिस्तान ने हमले की कड़ी भर्त्सना करते हुए भारत की जनता और सरकार के प्रति संवेदना और एकजुटता जताई थी. दोनों देशों ने क्षेत्रीय आतंकवाद की स्पष्ट निंदा की और शांति व स्थिरता को प्राथमिकता देने की बात कही थी.
मुत्ताकी के बयान पर भी एतराज
पाकिस्तान ने मुत्ताकी के उस कथन को भी खारिज किया जिसमें उन्होंने कहा था कि आतंकवाद पाकिस्तान का आंतरिक मामला है. पाकिस्तान का कहना है कि इस तरह के बयान देकर अफगान अंतरिम सरकार अपने दायित्वों से नहीं बच सकती, खासकर जब बात क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा की हो.
विदेश कार्यालय के अनुसार, पाकिस्तान ने चार दशकों से भी अधिक समय से 40 लाख से ज्यादा अफगान शरणार्थियों को अपने देश में पनाह दी है. इसके साथ ही उसने दोहराया कि अब अवैध रूप से रह रहे अफगान नागरिकों को वापस लौटना चाहिए. यह संदेश अफगान सरकार को कड़ा संकेत देने के रूप में देखा जा रहा है.
भारत-अफगान निकटता पर असहज पाकिस्तान
भारत और अफगानिस्तान के बीच बढ़ते द्विपक्षीय सहयोग और सुरक्षा मुद्दों पर साझा रुख पाकिस्तान के लिए लंबे समय से चिंता का विषय रहा है. ऐसे में जम्मू-कश्मीर पर अफगान समर्थन और आतंकवाद को लेकर भारत-अफगान सहमति ने इस्लामाबाद को असहज कर दिया है.
पाकिस्तान को डर है कि अफगानिस्तान की भारत के साथ बढ़ती नजदीकियां क्षेत्रीय कूटनीति में उसके प्रभाव को कमजोर कर सकती हैं. इसके अलावा, पाकिस्तान यह भी संकेत दे रहा है कि वह अफगान सरकार पर आर्थिक और राजनीतिक दबाव बनाने से पीछे नहीं हटेगा यदि उसने भारत के साथ सहयोग बढ़ाया.
PAK की आपत्ति केवल कश्मीर तक सीमित नहीं...
भारत-अफगान संयुक्त बयान को लेकर पाकिस्तान की आपत्ति केवल कश्मीर तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे दक्षिण एशिया में बदलते राजनीतिक समीकरणों की ओर संकेत करता है. अफगान विदेश मंत्री के बयान और भारत के साथ गहरे होते संबंधों ने इस्लामाबाद को कूटनीतिक रूप से सतर्क कर दिया है. आने वाले समय में पाकिस्तान, अफगानिस्तान पर अपना प्रभाव बनाए रखने के लिए अधिक सख्त नीति अपना सकता है.


