'अफगानिस्तान भारत की कठपुतली है, हम जरूर लेंगे...' पाक मंत्री ख्वाजा आसिफ फिर बौखलाए
ख्वाजा आसिफ ने शांति वार्ता के खत्म होने के बीच काबुल पर तीखा हमला बोला है. उनका दावा है कि अफगानिस्तान दिल्ली के इशारों पर नाच रहा है.

नई दिल्ली: पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने अफगानिस्तान पर भारत के इशारे पर काम करने का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि काबुल अब “दिल्ली की कठपुतली” बन चुका है और पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रचने के लिए भारत के हाथों में खेल रहा है.
आसिफ ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर अफगानिस्तान ने पाकिस्तान पर किसी भी तरह का हमला किया तो इस्लामाबाद 50 गुना ताकत से जवाब देगा. उन्होंने यह भी दावा किया कि “काबुल में बैठे लोग सिर्फ भारत के आदेशों का पालन कर रहे हैं” और भारत, पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान से बदला लेने के लिए अफगानिस्तान का इस्तेमाल कर रहा है.
शांति वार्ता क्यों हुई नाकाम?
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 25 से 27 अक्टूबर तक हुई शांति वार्ता का कोई नतीजा नहीं निकल सका. पाकिस्तान की ओर से बैठक में यह मांग रखी गई थी कि अफगानिस्तान को तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस और प्रमाणिक कार्रवाई करनी चाहिए.
हालांकि, दोनों पक्ष इस बात पर सहमत नहीं हो पाए कि इस कार्रवाई को कैसे अमल में लाया जाए. आसिफ ने आरोप लगाया कि “जब भी बातचीत आगे बढ़ती दिखती थी, काबुल बीच में आकर समझौते को रोक देता था.”
भारत के दबाव में अफगानिस्तान कर रहा है सौदेबाजी
ख्वाजा आसिफ ने अफगानिस्तान की नेतृत्व पर भारत के दबाव में बातचीत को बाधित करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “भारत पाकिस्तान के साथ कम-स्तरीय टकराव बनाए रखना चाहता है ताकि इस्लामाबाद अस्थिर बना रहे.”
रक्षा मंत्री के अनुसार, काबुल बार-बार ऐसे बदलाव करता रहा जिनसे वार्ता की दिशा भटक गई. आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान शांति चाहता है, लेकिन “अगर हमारे धैर्य की परीक्षा ली गई, तो जवाब बेहद सख्त होगा.”
ख्वाजाआसिफ की कड़ी चेतावनी
ख्वाजा आसिफ ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, “पाकिस्तान अफगानिस्तान की तरफ से किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा. अगर इस्लामाबाद की ओर अफगानिस्तान ने देखा भी, तो उसकी आंखें निकाल ली जाएंगी.”
उन्होंने अफगानिस्तान पर पाकिस्तान में बढ़ते आतंकवाद को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया. उनके अनुसार, पाकिस्तान के अंदर आतंकवादी गतिविधियों के पीछे काबुल की भूमिका स्पष्ट है.
अस्थायी युद्धविराम के बाद फिर तनाव
इससे पहले, 19 अक्टूबर को कतर और तुर्की की मध्यस्थता में सीजफायर पर सहमति बनी थी, जिससे कुछ समय के लिए सीमावर्ती इलाकों में शांति लौटी थी. लेकिन वार्ता की विफलता के बाद स्थिति फिर तनावपूर्ण हो गई है. आसिफ ने चेतावनी दी कि “अगर यह स्थिति बनी रही, तो पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच युद्ध भी संभव है.


