ईरान के बाद अब मिस्र को इजराइल से क्यों लग रहा है डर?
ईरान-इजराइल युद्ध थमने के बाद मिस्र में हलचल तेज हो गई है. हजारों इजराइली नागरिकों के सीमा पार कर साउथ सीनाई पहुंचने से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. मिस्र को डर है कि इनमें खुफिया एजेंट छिपे हो सकते हैं, जो जासूसी नेटवर्क बना सकते हैं.

ईरान और इजराइल के बीच 12 दिनों तक चली भीषण लड़ाई अब थम चुकी है, लेकिन इसके असर से मिस्र के हालात अस्थिर होते नजर आ रहे हैं. खासकर दक्षिण सीनाई में सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. इसकी वजह है हजारों इजराइली नागरिकों का अचानक मिस्र की सीमा में घुस आना.
जैसे ही ईरान और इजराइल के बीच तनाव अपने चरम पर पहुंचा, इजराइल के नागरिकों ने सुरक्षित रास्तों की तलाश शुरू कर दी. हजारों लोगों ने मिस्र के Taba बॉर्डर से एंट्री ली. कुछ कारों में, कुछ मोटरसाइकिल पर और कुछ पैदल ही साउथ सीनाई पहुंचे. वहां से वे शरम-अल-शेख एयरपोर्ट के जरिए दुनिया के अन्य देशों में निकलने की कोशिश कर रहे हैं.
सुरक्षा एजेंसियों को खुफिया घुसपैठ का डर
मिस्र की खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि इजराइल की इस भीड़ में मोसाद या शिन बेट जैसे खुफिया एजेंसियों के एजेंट भी हो सकते हैं. अगर ये एजेंट काहिरा या अलेक्ज़ेंड्रिया जैसे बड़े शहरों में दाखिल हो गए, तो वहां खुफिया नेटवर्क खड़ा करना और ऑपरेशन को अंजाम देना उनके लिए आसान हो जाएगा. अधिकारियों के अनुसार, एक भी एजेंट अगर मिस्र की धरती पर सक्रिय हो गया, तो वह मिस्र की सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है.
पर्यटन सेक्टर पर मंडरा रहा खतरा
साउथ सीनाई मिस्र का प्रमुख पर्यटन क्षेत्र है. इजराइली नागरिकों के आगमन से स्थानीय होटलों की बुकिंग फुल हो गई है. मगर सुरक्षा एजेंसियों को डर है कि अगर यहां किसी इजराइली नागरिक पर हमला हुआ, तो न केवल मिस्र-इजराइल संबंधों में दरार आएगी, बल्कि टूरिज़्म सेक्टर को भी गहरा झटका लग सकता है.
जनता में उबाल: फिलिस्तीनियों को रोका, इजराइलियों का स्वागत!
मिस्र की जनता सरकार के दोहरे रवैये से नाराज़ है. कुछ दिन पहले गाज़ा के लिए दवाएं और राहत सामग्री लेकर जा रहे एक्टिविस्ट्स को मिस्र ने रोक दिया, उन पर हमला हुआ और उन्हें डिपोर्ट कर दिया गया. मगर वहीं इजराइली नागरिकों को साउथ सीनाई में खुलेआम घुसने दिया जा रहा है. लोगों को लग रहा है कि मिस्र फिलिस्तीनियों को नजरअंदाज कर रहा है और इजराइल को तरजीह दे रहा है. यही वजह है कि सोशल मीडिया पर मिस्र सरकार की जमकर आलोचना हो रही है.
नतीजा क्या होगा?
फिलहाल मिस्र ने साउथ सीनाई में सुरक्षा बढ़ा दी है, लेकिन अंदर ही अंदर जनता का गुस्सा और असंतोष बढ़ता जा रहा है. अगर स्थिति नियंत्रित नहीं हुई, तो यह संकट मिस्र की राजनीतिक स्थिरता को भी प्रभावित कर सकता है.


