जेनेवा में अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ पर बनी बात?, जानें क्या बोले अमेरिकी अधिकारी

स्विट्जरलैंड के जिनेवा में अमेरिका और चीन के बीच दो दिवसीय वार्ता के बाद व्यापार समझौता हुआ. ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट और प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर ने वार्ता को सकारात्मक और रचनात्मक बताया. उन्होंने राष्ट्रपति ट्रम्प को पूरी जानकारी दी. मुख्य मुद्दा अमेरिका का चीन के साथ $1.2 ट्रिलियन का व्यापार घाटा था. प्रारंभिक संकेतों से दोनों पक्षों ने लचीलापन दिखाया है, जिससे वैश्विक बाजारों में सकारात्मक प्रभाव पड़ा और व्यापार युद्ध की स्थिति में कुछ राहत मिली.

Yaspal Singh
Edited By: Yaspal Singh

स्विट्जरलैंड के जिनेवा में अमेरिका और चीन के बीच दो दिवसीय व्यापार वार्ता के बाद दोनों देशों ने आपसी समझौते पर पहुंचने की घोषणा की. यह समझौता उस समय हुआ है जब दोनों देशों के बीच टैरिफ युद्ध अपने चरम पर है. व्हाइट हाउस ने एक संक्षिप्त बयान जारी कर पुष्टि की कि “चीन के साथ व्यापार समझौता हो गया है,” लेकिन विस्तृत विवरण साझा नहीं किया गया.

ट्रेजरी सचिव ने जताई संतुष्टि

संयुक्त राज्य अमेरिका के ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेन्ट ने संवाददाताओं को बताया कि बातचीत सकारात्मक रही और इसमें "पर्याप्त प्रगति" हुई है. उन्होंने कहा, “मुझे यह साझा करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार वार्ता में अच्छा विशेष सहयोग देखने को मिला. स्विस सरकार का भी आभार जताता हूँ, जिनकी मेज़बानी ने वार्ता को एक शांत और प्रभावी माहौल दिया.”

राष्ट्रपति ट्रंप को दी गई जानकारी

बेसेन्ट ने यह भी बताया कि उन्होंने और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि राजदूत जैमीसन ग्रीर ने वार्ता की प्रगति पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को पूरी जानकारी दी है. बेसेन्ट के अनुसार, “हमने रात में राष्ट्रपति से बात की और उन्हें सभी प्रमुख बिंदुओं से अवगत कराया. कल हम औपचारिक रूप से विवरण सार्वजनिक करेंगे.”

जैमीसन ग्रीर ने वार्ता को बताया सफल

अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर ने भी वार्ता को रचनात्मक बताया और कहा कि दोनों देशों के बीच मतभेद उतने गहरे नहीं थे जितने पहले माने जा रहे थे. उन्होंने कहा, “इन दो दिनों में जो गति से सहमति बनी है, वह दर्शाता है कि हम साझा उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं. हालांकि वार्ता से पहले महीनों की तैयारी की गई थी, लेकिन इसका असर बैठक में स्पष्ट रूप से देखने को मिला.”

व्यापार घाटा प्रमुख मुद्दा

ग्रीर ने कहा कि अमेरिका में चीन के साथ व्यापार घाटा करीब 1.2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है और यही वजह थी कि राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे एक नेशनल इमरजेंसी घोषित करते हुए टैरिफ लागू किए थे. अब इस नई समझौता योजना से उम्मीद है कि दोनों देश इस असंतुलन को कम करने की दिशा में ठोस कदम उठाएंगे.

आगे क्या?

हालांकि विस्तृत समझौते का खुलासा सोमवार को किया जाएगा, लेकिन प्रारंभिक संकेतों से यह स्पष्ट है कि दोनों पक्षों ने जटिल मुद्दों पर लचीलापन दिखाया है. इससे वैश्विक बाजारों में भी सकारात्मक संकेत भेजे गए हैं और व्यापार युद्ध की आशंका कुछ हद तक कम हुई है.

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12 May 2025, 01:24 AM IST

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