एलियंस धरती पर हैं मौजूद, नासा की खोज में हुआ बड़ा खुलासा
Aliens kahan hai: एलियंस कहां रहते हैं, धरती पर कब आते हैं? ऐसे ढेरों सवाल हैं जिनके जवाब इंसान दशकों से खोज रहा है. लेकिन अब नासा ने जो खुलासा किया है, उसे जानकर पैरों तले जमीन खिसक जाएगी.

Aliens kahan hai: एलियंस हमेशा से ही मानवीय जिज्ञासा का विषय रहे हैं. क्या पृथ्वी जैसे ब्रह्मांड के अन्य ग्रहों पर भी जीवन है, और यदि है तो क्या वहां भी मानव जैसे जीवन होंगे, और क्या वे हमें खोजते हुए यहां आएंगे, ये ऐसे प्रश्न हैं जो लेखकों से लेकर वैज्ञानिकों तक सभी पूछ रहे हैं. इसलिए, इनके उत्तर खोजने के लिए शोध किया जा रहा है. नये शोध से नई जानकारी सामने आ रही है. अब अमेरिका में नासा द्वारा किए गए नए शोध में ऐसी जानकारी सामने आई है जिसने सभी को चौंका दिया है. इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि एलियंस पृथ्वी पर हैं और वे कोई और नहीं बल्कि मनुष्य ही हैं.
24 सितंबर 2023 को क्षुद्रग्रह बेन्नू से लौटे नासा के ओसिरिस रेक्स अंतरिक्ष यान के नमूनों पर शोध से पता चला कि इसमें जीवन के लिए आवश्यक तत्व मौजूद हैं. इसमें डीएनए और आरएनए के 5 न्यूक्लियोबेस और प्रोटीन में पाए जाने वाले 20 अमीनो एसिड में से 14 मौजूद होते हैं. इससे यह प्रश्न उठा है कि क्या पृथ्वी पर जीवन किसी क्षुद्रग्रह से आया है. इससे पता चलता है कि मनुष्य एलियन हैं जिनकी उत्पत्ति पृथ्वी पर नहीं हुई है, बल्कि वे संभवतः बाहर से आये हैं.
एलियंस इंसान के बीच ही रहते हैं
ओएसआईआरआईएस-आरईएक्स का पूरा नाम ऑरिजिन्स स्पेक्ट्रल इंटरप्रिटेशन रिसोर्स आइडेंटिफिकेशन एंड सिक्योरिटी रेगोलिथ एक्सप्लोरर है. यह किसी क्षुद्रग्रह से नमूना लाने वाला अमेरिका का पहला मिशन था. इस अंतरिक्ष यान ने तीन वर्ष पहले बेन्नू से नमूने एकत्र किये थे. तब से यह अंतरिक्ष यान पृथ्वी के निकट आ रहा है. 45 किलोग्राम वजन वाले कैप्सूल से 250 ग्राम का नमूना लाया गया.
एलियंस की खोज में धरती पर ही मिले नए संकेत!
क्षुद्रग्रह एक छोटा ग्रह है. वे छोटे-छोटे पत्थरों जैसे हैं और सूर्य के चारों ओर घूमते हैं. उनका कोई वायुमंडल नहीं है. इनका आकार 1000 किलोमीटर तक हो सकता है. कभी-कभी ये क्षुद्रग्रह पृथ्वी पर गिरते हैं.
नासा के अंतरिक्ष यान द्वारा लाया गया मिट्टी का नमूना विश्व के लिए बहुत उपयोगी है. नासा के इस अंतरिक्ष यान ने 1650 फीट चौड़े एक क्षुद्रग्रह से नमूना भेजा था. इस नमूने की पहली रिपोर्ट जारी कर दी गई है. इस शोध पर लेख नासा के खगोल विज्ञानी डैनियल जेल्विन ने नेचर एस्ट्रोनॉमी में लिखा था. इसमें जीवन के लिए आवश्यक मूल तत्व मौजूद हैं, और इसका उपयोग यह अनुमान लगाने के लिए किया जा सकता है कि मूल क्षुद्रग्रह पर वे कितने प्रचुर मात्रा में होंगे.
क्षुद्रग्रह बेन्नू 24 सितम्बर 2182 को पृथ्वी से टकराएगा
ऐसा अनुमान है कि क्षुद्रग्रह बेन्नू 24 सितम्बर 2182 को पृथ्वी से टकराएगा. इससे 22 परमाणु विस्फोटों के बराबर परिणाम होंगे और पृथ्वी पर जीवन समाप्त हो सकता है. नासा ने इस क्षुद्रग्रह से नमूना मांगा था ताकि यह पता लगाया जा सके कि इसे कैसे विक्षेपित किया जा सकता है या और क्या किया जा सकता है, तथा यह कितना शक्तिशाली है.


