अमेरिका ने किए ईरान पर हमले, ट्रंप को ईरान की धमकी— “तुमने शुरू किया, हम खत्म करेंगे”
अमेरिका ने ईरान के नतांज, इस्फहान और फोर्डो परमाणु ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया. इसके जवाब में ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी दी, कहा—"तुमने शुरू किया, हम खत्म करेंगे." ईरान ने अपने यूरेनियम भंडार पहले ही सुरक्षित स्थानों पर भेजने का दावा किया है.

ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष ने अब एक खतरनाक मोड़ ले लिया है. इस जंग में अब अमेरिका भी खुलकर कूद चुका है. अमेरिकी सेना ने पहली बार सीधे तौर पर ईरान के तीन प्रमुख परमाणु ठिकानों—इस्फहान, नतांज और फोर्डो—पर हमला किया है. यह हमला अत्याधुनिक मिसाइल सिस्टम और स्टील्थ ड्रोन के जरिए किया गया. ईरानी मीडिया ने इस हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि अमेरिका का मकसद ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सीमित करना है.
इस हमले के बाद ईरान ने बेहद तीखी प्रतिक्रिया दी है. ईरानी सेना और राजनीतिक नेतृत्व ने सीधे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को चेतावनी दी है: यानी "तुमने शुरुआत की है, अब इसे खत्म हम करेंगे." ईरान का कहना है कि यह हमला उसकी संप्रभुता और तकनीकी क्षमताओं पर सीधा प्रहार है, जिसका जवाब दिया जाएगा.
यूरेनियम भंडार पहले ही स्थानांतरित
ईरानी न्यूज़ एजेंसियों ने दावा किया है कि हमले से कुछ सप्ताह पहले ही मार्च 2025 में ईरान ने अपने संवेदनशील यूरेनियम भंडार और उपकरणों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया था. इसके तहत फोर्डो, नतांज और इस्फहान में रखे गए संवेदनशील तकनीकी उपकरणों को गुप्त ठिकानों में भेजा गया, जिससे अमेरिका के इस हमले का रणनीतिक असर सीमित हो गया.
अमेरिका-इजराइल का साझा ऑपरेशन
जानकारों का मानना है कि यह हमला अमेरिका और इजराइल के बीच एक संयुक्त रणनीति का हिस्सा है. दोनों देश ईरान को परमाणु हथियारों से दूर रखना चाहते हैं. उनका मानना है कि अगर ईरान को परमाणु हथियार मिल गया, तो न केवल इजराइल बल्कि पूरे पश्चिमी जगत की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है.
व्हाइट हाउस की पुष्टि और चेतावनी
व्हाइट हाउस ने भी इन हमलों की पुष्टि की है. अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि यह हमला इजराइल के सहयोग से किया गया. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच फोन पर बातचीत भी हुई, जिसमें ट्रंप ने चेतावनी दी कि यदि ईरान युद्ध को नहीं रोकता, तो अमेरिका दोबारा हमला करने से पीछे नहीं हटेगा.
रणनीतिक आत्मविश्वास पर हमला
विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला सिर्फ ईरान की परमाणु क्षमताओं को नहीं, बल्कि उसके रणनीतिक और तकनीकी आत्मविश्वास को भी चोट पहुंचाने के लिए किया गया है. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ईरान इस हमले का जवाब किस रूप में देता है—सीधा सैन्य हमला, साइबर वार या फिर कोई अप्रत्याशित कदम?