अब भारत छेड़ेगा नहीं, लेकिन छोड़ेगा भी नहीं... जयशंकर की पाकिस्तान को चेतावनी

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पड़ोसी देशों को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर भारत से सहयोग करेंगे तो फायदा मिलेगा, लेकिन अगर विरोध किया तो उसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की विदेश नीति अब पुरानी सोच से अलग है, जो पहले चुप रह जाती थी. अब भारत की नीति स्पष्ट है. शांति चाहता है, लेकिन कमजोरी नहीं दिखाएगा.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने एक बार फिर भारत की बदली हुई विदेश नीति का स्पष्ट संदेश दिया है. उन्होंने साफ कहा कि अब भारत न तो किसी को पहले छेड़ेगा और न ही अगर कोई भारत को छेड़े तो उसे छोड़ेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 वर्षों के कार्यकाल में भारत की विदेश नीति कैसे बदली, इस पर विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने पड़ोसी देशों को भी चेताया कि भारत से टकराने की कीमत चुकानी पड़ेगी.

जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत अब सिर्फ अच्छे रिश्तों की उम्मीद नहीं करता, बल्कि पड़ोसियों को यह भी समझना होगा कि अगर वे सहयोग करेंगे तो फायदा होगा, और विरोध करेंगे तो नुकसान उठाना पड़ेगा. पाकिस्तान, चीन और अमेरिका जैसे देशों के साथ भारत के संबंधों को लेकर भी उन्होंने कई अहम बातें कही.

पड़ोसी देशों से सहज रिश्तों की उम्मीद नहीं- जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत को हमेशा यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि उसके पड़ोसी देशों से रिश्ते सहज और स्थिर रहेंगे. उन्होंने कहा, "पड़ोसी देशों को यह समझना चाहिए कि भारत से सहयोग करेंगे तो लाभ मिलेगा और विरोध करेंगे तो इसकी कीमत चुकानी होगी."

उन्होंने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कुछ देशों को चीज़ें समझने में वक्त लगता है, जबकि कुछ इसे जल्दी समझ लेते हैं. पाकिस्तान इसका अपवाद है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की शत्रुता उसकी सेना की सोच से संचालित होती है और उसने अपनी पहचान को सेना के अधीन परिभाषित किया है.

पाकिस्तान पर भारत की नई नीति

विदेश मंत्री ने पाकिस्तान की ओर से फैलाए जा रहे आतंकवाद को लेकर भी कड़ा रुख अपनाया. उन्होंने कहा, "26/11 के मुंबई हमले ने पूरे देश को हिला दिया, लेकिन तब की सरकार ने कोई ठोस जवाब नहीं दिया." जयशंकर ने कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद यह नीति बदल गई है. उन्होंने 2016 की उरी सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक और हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए कहा कि अब भारत की नीति स्पष्ट है — पहले छेड़ेगा नहीं, लेकिन अगर छेड़ा गया तो छोड़ेगा भी नहीं.

चीन-अमेरिका को लेकर जयशंकर की स्पष्ट राय

जयशंकर से जब अमेरिका और चीन के साथ भारत के संबंधों को लेकर पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि अमेरिका के साथ अनिश्चितता रहती है, इसलिए भारत ज्यादा से ज्यादा रिश्तों को स्थिर करने की कोशिश करता है. चीन को लेकर उन्होंने कहा, "अगर चीन से निपटना है तो अपनी क्षमताएं मजबूत करनी होंगी." उन्होंने गलवान घाटी की झड़प को याद करते हुए कहा कि भारत ने मुश्किल हालात देखे हैं और उनसे सबक लेते हुए अब अपनी तैयारी मजबूत कर रहा है.

मोदी युग में बदले समीकरण

जयशंकर ने कहा कि मोदी सरकार की विदेश नीति ने भारत को एक स्पष्ट दिशा दी है. उन्होंने ऑपरेशन गंगा और ऑपरेशन सिंधु का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे भारत ने संघर्षग्रस्त इलाकों से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकाला. श्रीलंका को लेकर उन्होंने कहा कि वहां सरकार बदलने के बावजूद भारत के साथ संबंध मजबूत बने रहे. मालदीव को लेकर उन्होंने स्वीकार किया कि शुरुआती मुश्किलें थीं, लेकिन अब संबंध बेहतर हो रहे हैं.

नेपाल की राजनीति और भारत की भूमिका

नेपाल को लेकर जयशंकर ने कहा कि भारत को अक्सर वहां की आंतरिक राजनीति में घसीटा जाता है. उन्होंने कहा, "हमें यह नहीं मान लेना चाहिए कि सभी देशों से हर समय अच्छे रिश्ते रहेंगे. रिश्तों में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन मुश्किल समय में पीछे नहीं हटना चाहिए."

खाड़ी देशों और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत की मजबूती

जयशंकर ने कहा कि बीते 11 वर्षों में भारत ने खाड़ी देशों, आसियान देशों और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी मौजूदगी को और मजबूत किया है. उन्होंने इसे मोदी सरकार की सक्रिय और स्पष्ट विदेश नीति का परिणाम बताया.

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22 June 2025, 09:19 AM IST

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