'स्वर्ग' पर कब्जा करने के फिराक में ट्रंप! ग्रीनलैंड को लेकर अमेरिका और EU में बढ़ी तकरार, क्या होगा भविष्य?
अमेरिका और यूरोपीय यूनियन (EU) के बीच ग्रीनलैंड को लेकर एक नई राजनीति गर्म हो गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीनलैंड को अमेरिका में मिलाने की धमकी दी है, वहीं EU के मिलिट्री चीफ जनरल रॉबर्ट ब्रिगर ने ग्रीनलैंड में यूरोपीय सैनिकों की तैनाती की आवश्यकता जताई है.

ग्रीनलैंड के प्राकृतिक संसाधनों और सामरिक महत्व को लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच एक नया विवाद छिड़ गया है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीनलैंड को अमेरिका का हिस्सा बनाने की धमकी दी, तो यूरोपीय यूनियन (EU) के मिलिट्री चीफ जनरल रॉबर्ट ब्रिगर ने इसे लेकर यूरोपीय सैनिकों की तैनाती की आवश्यकता जताई. इस स्थिति ने अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है, और अब सवाल उठ रहा है कि क्या यह क्षेत्र भविष्य में किसी युद्ध का मैदान बनेगा.
ट्रंप की ग्रीनलैंड पर कब्जे की धमकी
डोनाल्ड ट्रंप ने ग्रीनलैंड को अमेरिका में मिलाने की इच्छा व्यक्त की और डेनमार्क पर भी टिप्पणी की, जिसके बाद यूरोपीय यूनियन का रुख और सख्त हो गया. ट्रंप ने कहा, "रूस और चीन के जहाजों की मौजूदगी इस क्षेत्र में तनाव पैदा कर सकती है, और ग्रीनलैंड को अमेरिका के साथ होना चाहिए." ट्रंप ने यह भी कहा कि डेनमार्क की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए, ग्रीनलैंड के लिए अमेरिका की भूमिका अधिक प्रभावशाली होगी.
ग्रीनलैंड का सामरिक महत्व और यूरोपीय सैनिकों की तैनाती की आवश्यकता
ग्रीनलैंड का सामरिक महत्व अमेरिका और यूरोप दोनों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है. यहाँ स्थित पिटुफिक स्पेस बेस जहां 200 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं, यह क्षेत्र मिसाइलों और सैटेलाइट पर नजर रखने के लिए महत्वपूर्ण है. यूरोपीय मिलिट्री चीफ जनरल रॉबर्ट ब्रिगर ने इस पर जोर देते हुए कहा कि ग्रीनलैंड में केवल अमेरिकी सैनिक ही नहीं, बल्कि यूरोपीय सैनिकों की तैनाती भी होनी चाहिए, ताकि रूस और चीन को एक मजबूत संदेश जा सके कि वे इस क्षेत्र पर अपनी बुरी नजर न डालें.
रूस और चीन की ग्रीनलैंड पर नजर
रूस और चीन की ग्रीनलैंड के प्राकृतिक संसाधनों, खासकर बर्फ के नीचे छिपे खनिज संसाधनों पर गहरी नजर है. यूरोपीय यूनियन की इस चिंता से यह साफ होता है कि ग्रीनलैंड में यूरोपीय सैनिकों की मौजूदगी चीन और रूस के लिए एक चेतावनी का काम करेगी, जिससे इस क्षेत्र की सुरक्षा और मजबूत होगी.
EU और फ्रांस का रुख
ग्रीनलैंड के सुरक्षा मामले में यूरोपीय संघ और फ्रांस का रुख भी स्पष्ट है. डेनमार्क EU का सदस्य देश है और ग्रीनलैंड की सुरक्षा का जिम्मेदार है. इस बीच, फ्रांस ने भी स्पष्ट रूप से कहा है कि वे ग्रीनलैंड पर किसी भी तरह के हमले की अनुमति नहीं देंगे. फ्रांस के विदेश मंत्री जीन-नोएल बैरोट ने कहा, "यूरोपीय संघ अपनी संप्रभु सीमाओं पर दुनिया के किसी भी देश को हमला नहीं करने देगा, चाहे वह कोई भी हो."
क्या ग्रीनलैंड पर छिड़ेगा संघर्ष?
ग्रीनलैंड के मुद्दे पर ट्रंप की धमकी और यूरोपीय यूनियन की प्रतिक्रिया ने अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में नई जटिलताएँ पैदा कर दी हैं. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस क्षेत्र की सुरक्षा को लेकर आगे क्या कदम उठाए जाते हैं और क्या भविष्य में ग्रीनलैंड को लेकर अमेरिका और यूरोपीय संघ के बीच संघर्ष का रूप लेगा.


