1993 बम धमाके और दाऊद कनेक्शन, बिश्नोई गैंग कैसे बना बाबा सिद्दीकी का दुश्मन? शूटर ने खोले सीक्रेट
मुंबई के पूर्व मंत्री और चर्चित नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है. इस हाई-प्रोफाइल मर्डर केस में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. बिश्नोई गैंग ने 1993 के मुंबई बम धमाकों और दाऊद इब्राहिम से कथित संबंधों को लेकर बाबा सिद्दीकी को निशाना बनाया.

मुंबई के चर्चित नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या ने पूरे देश को हिला दिया. इस मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. कुख्यात बिश्नोई गैंग ने 1993 के मुंबई बम धमाकों और दाऊद इब्राहिम से कथित संबंधों को लेकर बाबा सिद्दीकी को टारगेट बनाया था. पुलिस की चार्जशीट और मुख्य शूटर शिवकुमार गौतम के बयान ने इस सनसनीखेज हत्या की परतें खोल दी हैं.
12 अक्टूबर 2024 को बांद्रा ईस्ट इलाके में सिद्दीकी की उनके बेटे जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस वारदात को तीन हमलावरों ने अंजाम दिया. मामले में मुख्य आरोपी अनमोल बिश्नोई के आदेश पर इस हत्या को अंजाम देने की बात सामने आई है.
15 लाख की सुपारी देकर हुई हत्या की साजिश
मुख्य शूटर शिवकुमार गौतम ने पुलिस को बताया कि उसे या तो बाबा सिद्दीकी या उनके बेटे जीशान सिद्दीकी को मारने का काम सौंपा गया था. इसके लिए उसे 15 लाख रुपये का लालच दिया गया. गौतम पुणे में कबाड़ का काम करता था और उसकी मुलाकात सह-आरोपी हरीश कुमार कश्यप से हुई, जिसने उसके रहने की व्यवस्था की.
बिश्नोई गैंग के संपर्क में कैसे आया गौतम?
गौतम ने बताया कि हरीश कश्यप के जरिए उसकी पहचान प्रवीण लोनकर और शुभम लोनकर से हुई. शुभम ने बताया कि वह और उसका भाई बिश्नोई गैंग के लिए काम करते हैं.
जून 2024 में मिला हत्या का टारगेट
गौतम ने अपने बयान में कहा, "जून 2024 में शुभम लोनकर ने मुझे और धर्मराज कश्यप को बताया कि अगर हम उसके कहने पर काम करेंगे तो हमें 10 से 15 लाख रुपये मिलेंगे. जब हमने काम के बारे में पूछा, तो उसने बताया कि हमें बाबा सिद्दीकी या उनके बेटे जीशान को मारना है." हालांकि, उस समय शुभम ने हत्या की वजह नहीं बताई.
1993 बम धमाके और दाऊद कनेक्शन बना हत्या का कारण
शूटर के इकबालिया बयान के अनुसार, बिश्नोई गैंग ने दाऊद इब्राहिम से कथित संबंध और 1993 के मुंबई धमाकों में भूमिका को लेकर सिद्दीकी को निशाना बनाने की योजना बनाई थी. अनमोल बिश्नोई ने इन कारणों से बाबा सिद्दीकी को खत्म करने का आदेश दिया.
कबाड़ से लेकर क्राइम तक का सफर
गौतम ने बताया कि वह पुणे में कबाड़ इकट्ठा करता था और वहां से उसकी मुलाकात हरीश कश्यप और लोनकर भाइयों से हुई. इन्हीं के जरिए उसे गैंग से जुड़ने का मौका मिला और 15 लाख के लालच में उसने यह घातक कदम उठाने का फैसला किया.
पुलिस चार्जशीट ने खोले राज
इस मामले में पुलिस की चार्जशीट और गौतम का बयान यह दिखाता है कि कैसे पैसों और गैंग के दबाव में आकर अपराधी बड़ी साजिशों को अंजाम देते हैं.


